Ahle Biddat Ke Zariye Faili Gumrahi
अहले बिदअत के ज़रिये फैली बिदअत व खुराफात.
1. ईद मिलादुन नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)
2. आखिरी बुध
3. रज़ब के कुंडे
4. रुसुमाते मुहर्रम
5. ग्यारवी शरीफ
6. मज़ारों पर उर्स और मेले
7. तीजा, दसवा, बिसवॉ
8. क़ुरआन ख्वानी
9. चौथी खेलना
10. नयी दुल्हन का मुहर्रम व शाबान का चाँद मायके जाकर देखना।
11. बीबी की फतेहा
12. बीबी की सेहनक
13. सोलह सय्यदों की कहानी
14. बड़े पीर साहब की हंसली पहनना
15. मह्फ़िले मीलाद
16. बारह इमामो के प्याले
17. मन्नत की बाली व कड़ी पहनना
18. सुहागने खिलाना
19. क़ब्र पर अगरबत्ती जलाना
20. मज़ारात को ग़ुस्ल देना
21. क़ब्र पर अज़ान देना
22. मज़ारों पर गुम्बद बनाना
23. ख़त्म ख्वाज़गां
24. शबीना
25. शिरकिया नाट ख्वानी
26. सोग में काले कपडे पहनना
27. चिल्ले लगाना और चिल्ला-कशी करना
28. औरत व मर्दो का अलग तरीके से नमाज़ पढ़ना
29. तिलावते क़ुरआन के बाद सदकल लाहुल अज़ीम कहना
30. अंगूठे चूमना
31. नमाज़, रोज़े व वज़ू की ज़ुबानी निय्यत करना
32. खुद-साख्ता दुरुद, खुद-साख्ता सलाम पढ़ना
33. अंधी तक़लीद करना
34. पक्की कब्रे
35. ज्योतिष/काहिन के पास जाना
36. क़ब्रों पर क़ुरबानी नज़र (मन्नत)
37. रूह_रूहानी निकालना
38. तावीज़-गंडे देना व बांधना
39. अरफा करना
40 रोज़ा कुशाई।
2. आखिरी बुध
3. रज़ब के कुंडे
4. रुसुमाते मुहर्रम
5. ग्यारवी शरीफ
6. मज़ारों पर उर्स और मेले
7. तीजा, दसवा, बिसवॉ
8. क़ुरआन ख्वानी
9. चौथी खेलना
10. नयी दुल्हन का मुहर्रम व शाबान का चाँद मायके जाकर देखना।
11. बीबी की फतेहा
12. बीबी की सेहनक
13. सोलह सय्यदों की कहानी
14. बड़े पीर साहब की हंसली पहनना
15. मह्फ़िले मीलाद
16. बारह इमामो के प्याले
17. मन्नत की बाली व कड़ी पहनना
18. सुहागने खिलाना
19. क़ब्र पर अगरबत्ती जलाना
20. मज़ारात को ग़ुस्ल देना
21. क़ब्र पर अज़ान देना
22. मज़ारों पर गुम्बद बनाना
23. ख़त्म ख्वाज़गां
24. शबीना
25. शिरकिया नाट ख्वानी
26. सोग में काले कपडे पहनना
27. चिल्ले लगाना और चिल्ला-कशी करना
28. औरत व मर्दो का अलग तरीके से नमाज़ पढ़ना
29. तिलावते क़ुरआन के बाद सदकल लाहुल अज़ीम कहना
30. अंगूठे चूमना
31. नमाज़, रोज़े व वज़ू की ज़ुबानी निय्यत करना
32. खुद-साख्ता दुरुद, खुद-साख्ता सलाम पढ़ना
33. अंधी तक़लीद करना
34. पक्की कब्रे
35. ज्योतिष/काहिन के पास जाना
36. क़ब्रों पर क़ुरबानी नज़र (मन्नत)
37. रूह_रूहानी निकालना
38. तावीज़-गंडे देना व बांधना
39. अरफा करना
40 रोज़ा कुशाई।
ये सब #शिर्क और #बिदअत को बढ़ावा देती हैं, अल्लाह हमें इन सब खुराफातों से बचाये और दीने मौहम्मदी पर कायम रखे... आमीन!
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