Islam Ne Auraton ko Hijab karne ka Hukm Kyu Diya hai?
Mai Kaun Hoo? Ek Satya Sanatan Dharm Ko Manne wala.
Islam me Auraton ka Muqam o Martba
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
पार्ट:- 54
मैं कौन हूँ? एक सत्य सनातन धर्म इस्लाम
اسلام میں عورتوں کا مقام
इस्लाम में महिलाओं का स्थान:-
इस्लाम में महिलाओं का स्थान एक हीरे या किसी क़ीमती वस्तु (वस्तु कहने का मतलब यह नहीं के उसे और सामान के जैसा समझा जाए, ग़लत मतलब निकालने वालों की कोई कमी नहीं है) तरह है जिसे बाजार में नहीं दिखाया जाता ताकि उसे बुरी नजर और चोरी होने से बचाया जा सके।
ऊपर दिए गए उदाहरण की ही तरह इस्लाम में महिलाओं को बहुत क़ीमती समझा जाता है इसलिए उन्हें हिजाब द्वारा छुपा कर रखा जाता है ताकि उन्हें छेड़छाड़ बलात्कार और दूसरे बुरे कृत्यों से बचाया जा सके।
व्याभिचार व बुरे कार्यो को रोकने के लिये इस्लाम ने मां-बाप को एक इकाई मानकर सन्तानों की उचित परवरिश के नियम सिखाए हैं।
व्यस्कता के साथ ही शादी के द्वारा स्वभाविक मानवीय इच्छाओं को पूर्ण करने को पोषित किया गया है अन्यथा सन्तानों के द्वारा किये गए व्याभिचार में मां-बाप को भी दोषी ठहराया गया है यह है इस्लाम का सामाजिक सरोकार।
इस्लाम में महिला के लिए अपने पति तथा कुछ ऐसे चुने हुए लोगों को जिनसे वो शादी नहीं कर सकती (जैसे पिता, भाई आदि) के सिवा अपनी सुंदरता दिखाने के लिए मना किया गया है ताकि उसे दूसरे मर्दो की ओर आकर्षित होने से बचाया जा सके।
HMARI DUAA
taken From THE WAY OF JANNAH INSTITUTE Gurupe
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