who is The Responsible of Delhi Voilence.?
क्या अपनी आवाज बात सरकार के आगे रखना जुर्म है?
क्या हम अपनी बातें नहीं रख सकते, दिल्ली हिंसा के जिम्मेदार आखिर कौन है?
जनता, सरकार या पुलिस जिसने लोगो को दंगे करने दिए और वह खामोश बैठी रही, क्यों यह सिर्फ दिल्ली पुलिस के साथ होता है?
जब 84 के दंगे हुए थे तो इन्हीं बीजेपी वालों ने पुलिस पर सवाल उठाए थे वह सही था क्या?
बंगाल में पिछले साल अमित शाह जी ने बड़ा ड्रामा प्रस्तुत किया था और ममता सरकार पर ये आरोप लगाया गया था कि वह पुलिस का दुरुपयोग कर रही है यह सही था क्या?
कपिल मिश्रा खुलेआम पुलिस को चेतावनी दे रहा है, और पुलिस उसके सामने बेबस खड़ी नजर आ रही है यह सही है क्या?
जामिया में एक युवक फायरिंग करता है और पुलिस सामने खड़े होकर इस तमाशे को आराम से देखती है, उस वक्त देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी तमाम विद्वानों ने पुलिस पर सवाल खड़े किए थे वह सब गलत है क्या?
देश में जब लॉ एंड ऑर्डर नाकाम होगा तो प्रश्न तो उठेंगे, अगर दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती आज यही बीजेपी वाले एक बड़ा तमाशा खड़ा कर देते पुलिस की करतूत को लेकर, अगर हम मान भी ले कि यह फोटो एडिट किया हुआ है तो क्या वह वीडियो जो एक युवक का वायरल हुआ है जिसमें वह गला फाड़ फाड़ के कह रहा है कि पुलिस भी हमारे साथ है वह भी वीडियो एडिट किया हुआ है?
प्रश्न हजारों है दोस्त पर बात यह है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस यही देश में हो रहा है ,और यह आज से नहीं 70 सालों से हो रहा है लेकिन इन सबके बीच यह भी याद रखना चाहिए कि जो आदमी दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वह खुद उसी गड्ढे में गिर कर मर जाता है, एक जमाने में कांग्रेस ने भी अकाली को कंट्रोल करने के लिए भिंडरावाला को बढ़ावा दिया था लेकिन बाद में यही लोग कांग्रेस की गले की फांस बन गए और इसी के कारण इंदिरा गांधी की जान भी गई,
राज्य की सबसे पहली ड्यूटी होती है लोगों की जान और प्रॉपर्टी की रक्षा करना लेकिन अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो राज्य विफल हो चुका है,
हाफिज अब्दुस सलाम नदवी
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