Aaj ummat-E-Muslema Itni bebas aur Majboor Kyu Hai?
जो लिखा था वह हुआ , आगे भी जो लिखा है वह होकर रहेगा..कोई कन्हैया कोई चंद्रशेखर कोई अखिलेश कोई राहुल या कोई ओवैसी या कोई मिल्ली रहनुमा उसे रोक नहीं सकता...इसलिए तानाकशी बतोलेबाज़ी से बचिए...
मिल्लत हुई है टुकड़े टुकड़े, और लाश पड़ी बेगैरो कफ़न,
जख्मों से दिलों में दर्द उठा उस दर्द की सिद्दत कितनी है?
ईमां की हरातात से दिल है खाली..... ये दावे काम ना आएंगे
कुछ तौल के बाजू देखो अपने हाथो में कुववत कितनी है।
اسّلَامُ عَلیکمُ وَرَحــَـــــمةُاللّهِ وَبَرَكَآتُهُ
خلوص اور عزت قیمتی تحفے ہیں ہر کسی سے ان کی امید نہ رکهیں کیونکہ بہت کم لوگ دل کے امیر ہوتے ہیں. دوسروں کو عزت دیں، اللّٰــه پاک آپ کی عزت میں اضافہ کرے گا.
अगर इस मुस़ीबत से कोई आपको निजात दिला सकता है तो वह है आपकी दुआ आपका रब...और ख़ुद आप... जो क़ौमें मुस़ीबतों से घबराकर सरेंडर कर देती हैं वो अपना मुस्तक़बिल हार जाती हैं...सबसे पहले मातम और वावेला बंद कीजिए और ज़िंदा लाश की जगह ज़िंदा इंसान दिखने की कोशिश कीजिए...
एक बात ज़हन नशीन कर लो कि...यह दंगा नहीं ख़ानाजंगी है जिसकी शुरूआत उस जगह से की गई जो मुल्क का दिल कहा जाता है और अगर दिल ही ख़राब हो जाए तो बक़िया जिस्म की ह़ालत का अंदाजा आप ख़ुद ही लगा सकते हैं...
मैं हमेशा इस वक़्त के बारे में आगाह करता आया हूँ फिर कह रहा हूं कि यह ख़ानाजंगी की शुरूआत है , नफ़रत का यह ख़ूनी खेल अगले चार साल तक पूरे मुल्क में खेला जाएगा जिसके लिए खादी से लेकर खाकी तक ने पूरी तैयारी कर ली है... इसलिए अल्लाह के सिवा किसी से कोई उम्मीद मत रखिए...अपनी मदद आपकी तरफ लौटिए और अल्लाह से अस्तग़फ़ार की कस़रत के साथ नुस़रत की इल्तेजा कीजिए , मौत से डरना छोड़िए वही एक ह़क़ीक़त है बाक़ी सब फ़साना , अपने मुक़र्ररा वक़्त और मुअय्यना मक़ाम पर मौत आपका इस्तेक़बाल करने ज़रूर पहुंचेगी चाहे सातों ज़मीन के नीचे छुप जाओ...बाक़ी वह दिन नहीं रहे तो यह दिन कट जायेंगे..
मौत से किसको रुस्तगारी है
आज वा क्लह हमारी बारी है
लौट आओ कुरआन की तरफ- नमाज की तरफ__•••
डरने की ज़रूरत नही है
*ये सब ईमान कमज़ोर करने वाली वीडियोस आडिओस से परहेज़ करें*
*अल्लाह पर भरोसा करें,एक ही जान है, और जान अल्लाह ही लेता है*
*बन्दों को जान लेने का अख्तियार अल्लाह ने नही दिया है(जरिया भले कोई बन जाये, और जरिया तो एक चींटी और मच्छर भी बन जाय करता है)*
*लिहाज़ा अज़्म हौसला रखें*
अल्लाह से मिलने का व अललाह के रसूल सहाबा किराम से मिलने का शौक और वलवला दिल से पैदा करें.
डरने की ज़रूरत नही है
डर के आगे ही मंज़िल और जीत है।
मायूस मत हो मेरे मोमिन भाइयों
सब्र करें और अल्लाह से मदद माँगे
याद रखे के हमलोग जो इतने दिनों से दुनिया वालो को खुश करने में लगे थे के क्या हो जाएगा हमारा अपना खुश सब खुश तो उसी का खामियाजा है यह अगर हम सब मुस्लिम भाई अगर दुनिया वालो के बजाए अल्लाह को खुश करने में लगे होते और उसकी बातो पे चलते तो कभी हम ऐसा दिन नहीं देखना पड़ता, आज हर मुस्लिम भाई अपने नफस की पैरवी करने में लगा है और यह कहते हुए भी सुना जा सकता है के अल्लाह हमारी मदद नहीं करता, आपने अल्लाह और उसका रसूल के फरमान पे चला ही कब जो आज आज खुद मोमीन कहला रहे है, हमारे ईमान की कमी ही कि वजह से आज काफिर हमारे उपर ज़ुल्म कर रही है और हम बेबस है हमारे मस्जिदों तक को तबाह किया जा रहा है, हमने दिन पे चलना छोरा तो अल्लाह ने काफिरों के दिलो से हमारा खौफ और डर ख़तम कर दिया।
زندگی میں ہمیشہ وہ لوگ پر سکون رہتے ہیں۔۔۔۔ جو پوری نہیں ہونے والی خواہشوں سے زیادہ اُن نعمتوں پر اللہ کا شکر ادا کرتے ہے، جو اُنہیں اللہ نے عطا کیا ہے۔
ایک بات یاد رکھے کے ۔۔۔۔۔۔ آپ سب لوگو کو خوش نہیں رکھ سکتے
حتٰی کہ اگر آپ لوگو کے خاطر زمین پر لیٹ بھی جائے۔۔۔۔۔ اور لوگ آپ کے اوپر سے چلنے لگے۔۔۔۔ پھر بھی وہ شکایت کرینگے کے آپ ہموار نہیں لیٹے ہیں۔
ज़िन्दगी में हमेशा वह लोग पुर सुकून रहते है... जो पूरी न होने वाली ख्वाहिशों से ज्यादा उन नेमतों पर शुक्र करते है, जो उन्हें अल्लाह ने अता किया है
और यह भी याद रखे के
आप सब लोगों को खुश नहीं रख सकते
यहां तक के अगर आप लोगो की खातिर जमीन पर लेट भी जाए.... और लोग आप के उपर से चलने लगे...... फिर भी वह शिकायत करेंगे के आप बराबर नहीं लेटे है।
#Share To All Muslim Brother's and Sister's
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