Kya Islam Dahshatgard Ko Badhawa Deta Ha?
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है.
नोट. यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है । (Part 12)
हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी
अधिकांश मुसलमान निकल गए लेकिन कुछ कुरैश की पकड़ में आ गए और कैद कर लिए गए। उन्हें बड़ी बेरहमी से सताया गया ताकि वे मुहम्मद (सल्ल0) के बताए धर्म को छोड़कर अपने बाप-दादा के धर्म में लौट आएं।
अब मक्का में इन बन्दी मुसलमानों के अलावा अल्लाह के रसूल (सल्ल0), अबु-बक़ (रजि0), और अली (रज़ि0) ही बचे थे, जिनपर काफ़िर कुरैश घात लगाए बैठे थे।
मदीना के लिए मुसलमानों की हिजरत से यह हुआ कि मदीना में इस्लाम का प्रचार-प्रसार शुरू हो गया। लोग तेज़ी से मुसलमान बनने लगे।
*मुसलमानों का ज़ोर बढ़ने लगा। मदीना में मुसलमानों की बढ़ती ताक़त देखकर कुरैश चिन्तित हुए। अत: एक दिन कुरैश अपने मंत्रणागृह‘दारुन्नदवा में जमा हुए। यहाँ सब ऐसी तरकीब सोचने लगे जिससे मुहम्मद (सल्ल0) का ख़ातिमा किया जा सके और इस्लाम का प्रवाह रुक जाए। अबू-जहल के प्रस्ताव पर सब की राय से तय हुआ कि प्रत्येक क़बीले से एक-एक व्यक्ति को लेकर एक साथ मुहम्मद पर हमला बोलकर उनकी हत्या कर दी जाए। इससे मुहम्मद (सल्ल0) के परिवारवाले तमाम सम्मिलित क़बीलों का मुक़ाबला नहीं कर पाएंगे और समझौता करने को मजबूर हो जाएंगे।
फिर पहले से तय की हुई रात को काफ़िरों ने हत्या के लिए मुहम्मद (सल्ल0) के घर को हर तरफ़ से घेर लिया.
*HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇
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