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Jab Hazrat Ali Mushriqo ko Jung ka Paigam Dene gye. क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है? (Part 32)

Jab Quraish Kabile ke logo ne Aap ﷺ ke Sath kiye hue wade pe Moonh mora.
*बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम*
*अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु*
क्या इस्लाम💣🔫आतंकवाद🔫💣की शिक्षा देता है?
*सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है*
नोट: यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
*पार्ट नंबर* 32
   पवित्र कुरआन की वे चौबीस आयतें
      लेकिन समझौता होने के दो ही साल बाद बनू-बक्र नामक क़बीले ने जो मक्का के कुरैश का सहयोगी था, मुसलमानों के सहयोगी क़बीले खुज़ाआ पर हमला कर दिया इस हमले में कुरैश ने बनू-बक्र क़बीले का साथ दिया।
  *खुज़ाआ क़बीले के लोग भागकर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) के पास पहुँचे और इस हमले की ख़बर दी।*       *पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) ने शान्ति के लिए इतना झुककर समझौता किया था इसके बाद भी कुरैश ने धोखा देकर समझौता तोड़ डाला अब युद्ध एक आवश्यकता थी, धोखा देनेवालों को दण्डित करना शान्ति स्थापना के लिए ज़रूरी था। इसी ज़रूरत को देखते हुए अल्लाह की ओर से सूरा-9 की आयतें अवतरित हुईं।
       इनके अवतरित होने पर नबी (सल्ल0) ने सूरा-9 की आयतें सुनाने के लिए हज़रत अली (रज़िo) को मुशरिकों के पास भेजा। हज़रत अली (रज़ि०) ने जाकर मुश्रिकों से यह कहते हुए कि मुसलमानों के लिए अल्लाह का फ़रमान आ चुका है उनको सूरा-9 की ये आयतें सुना दीं :*
       🌷(ऐ मुसलमानो! अब) खुदा और उसके रसूल की तरफ़ से मुश्रिकों से, जिनसे तुमने अहद (समझौता) कर रखा था, बेज़ारी (जंग की तैयारी) है।तो (मुश्रिको! तुम) ज़मीन में चार महीने चल फिर लो और जान रखो कि तुम खुदा को आजिज़ न कर सकोगे और यह भी कि खुदा काफ़िरों को रुसवा करनेवाला है। और हज्जे-अक्बर के दिन खुदा और उसके रसूल की तरफ़ से लोगों को आगाह किया जाता है कि खुदा मुश्किों से बेज़ार है और उसका रसूल भी (उनसे दस्तबरदार है)। पस अगर तुम तौबा कर लो, तो तुम्हारे हक़ में बेहतर है और न मानो (और खुदा से मुक़ाबला करो) तो जान रखो कि तुम खुदा को हरा नहीं सकोगे और (ऐ पैगम्बर!) काफ़िरों को दु:ख देनेवाले अज़ाब की ख़बर सुना दो। (कुरआन, सूरा-9, आयत- 1-3)🌷

*हज़रत अली ने मुशरिकों से कह दिया कि.....*
*HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇

*इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।

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