Aap Sallahu Alaihe wassalam ki Halat Zindagi (Biography)
*बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम*
*अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु*
क्या इस्लाम🔫आतंकवाद🔫💣की शिक्षा देता है?
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है*
*नोट: यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।*
*पार्ट* 03
*हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी*
*पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल0)* की पवित्र जीवनी लिखने वाले विद्वान लिखते हैं किह्न *पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0)* का जन्म मक्का के कुरैश क़बीले के सरदार अब्दुल-मुत्तलिब के बेटे अब्दुल्लाह के घर सन् 570 ई० में हुआ। *मुहम्मद (सल्ल0)* के जन्म से पहले ही उनके पिता अब्दुल्लाह का निधन हो गया था। *मुहम्मद (सल्ल0)* जब 6 साल के हुए तो माँ आमिना भी चल बसीं। 8 साल की उम्र में दादा अब्दुल-मुत्तलिब का भी देहान्त हो गया तो चाचा अबू-तालिब के संरक्षण में *आप (सल्ल0)* पले-बढ़े। 25 वर्ष की उम्र में *मुहम्मद (सल्ल0)* का विवाह ख़दीजा से हुआ। ख़दीजा
मक्का के एक बहुत ही समृद्धशाली और सम्मानित परिवार की विधवा महिला थीं।
उस समय मक्का के लोग काबा में स्थित 360 मूर्तियों की उपासना करते थे। मक्का में मूर्ति-पूजा का प्रचलन शाम (सीरिया) से आया। वहाँ सबसे पहले जो मूर्ति स्थापित की गई वह 'हुबल' नाम के देवता की थी, जो सीरिया से लाई
गई थी। इसके बाद इसाफ' और 'नाइला' की मूर्तियाँ ज़मज़म नामक कुएँ पर स्थापित की गईं। फिर हर क़बीले ने अपनी-अपनी अलग-अलग मूर्तियाँ स्थापित कीं। जैसे कुरैश क़बीले ने 'उज़्ज़ा' की, ताइफ़ के क़बीले सक़ीफ़ ने "लात" की,
मदीना के औस और खज़रज क़बीलों ने "मनात" की मूर्तियाँ स्थापित कीं।
ऐसे ही "वद्द", "सुवाअ", "यगूस", "नसर" आदि प्रमुख मूर्तियाँ थीं। इनके अलावा *हज़रत इबराहीम*, *हज़रत इस्माईल*, *हज़रत ईसा* (अलेहिससलाम) आदि की तस्वीरें व मूर्तियाँ खाना काबा में मौजूद थीं।
ऐसी परिस्थितियों में 40 वर्ष की उम्र में *मुहम्मद (सल्ल0)* को प्रथम बार रमजान के महीने में मक्का से 6 मील की दूरी पर *गारे-हिरा* नामक गुफा में एक *फरिश्ते जिबरील* से अल्लाह का सन्देश प्राप्त हुआ। इसके बाद *अल्लाह* के
*पैगम्बर हजरत मुहम्मद (सल्ल0)* को समय-समय पर *अल्लाह* के आदेश मिलते रहे। *अल्लाह* के यही आदेश, *पवित्र कुरआन* है।
*पोस्ट आगे जारी है(next part coming soon) इन-शा-अल्लाह* ✍✍✍.......
*HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇
*इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।*
*हमारा मकसद सच बात को सबूत के साथ लोगो तक पहुँचाना ओर आज के दौर में इंसानो के अंदर फैले मतभेदों को दूर करके भाईचारे ओर इंसानियत को बढ़ावा देना है*
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