Kya Islam Terrorist ka Education deta hai?
*बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम*
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु*
क्या इस्लाम💣🔫आतंकवाद🔫💣की शिक्षा देता है?
*सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है*
नोट: यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
पार्ट नंबर 35
पवित्र कुरआन की वे चौबीस आयतें
पैम्फ़लेट में लिखी तीसरे क्रम की आयत है:-
3. नि:सन्देह ‘काफ़िर' तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।''
*(क़ुरआन, सूरा-4, आयत- 101)
वास्तव में जान-बूझकर इस आयत का एक अंश ही दिया गया है पूरी आयत यह है कृपया ध्यान देकर पढे:-* *और जब तुम सफ़र को जाओ, तो तुमपर कुछ गुनाह नहीं कि नमाज़ को कम करके पढ़ो, बशर्ते कि तुमको डर हो कि काफ़िर लोग तुमको ईज़ा (तकलीफ़) देंगे। बेशक काफ़िर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।(कुरआन, सूरा-4, आयत- 101)
इस पूरी आयत से स्पष्ट है कि मक्का व आस-पास के काफ़िर जो मुसलमानों को सदैव नुक़सान पहुंचाना चाहते थे (देखिए हज़रत मुहम्मद सल्ल0 की जीवनी), ऐसे दुश्मन काफ़िरों से सावधान रहने के लिए ही इस 101वीं आयत में कहा गया है कि नि:सन्देह‘काफ़िर' तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।''*
*इससे अगली 102वीं आयत से यह और स्पष्ट हो जाता है जिसमें अल्लाह ने और सावधान रहने का फ़रमान दिया है कि:-*
*“और (ऐ पैग़म्बर !) जब तुम उन (मुजाहिदों के लश्कर) में हो और उनको नमाज़ पढ़ाने लगो, तो चाहिए कि एक जमाअत तुम्हारे साथ हथियारों से लैस होकर खड़ी रहे, जब वे सज्दा कर चुकें तो परे हो जाएं, फिर दूसरी जमाअत, जिसने नमाज़ नहीं पढ़ी (उनकी जगह आए और होशियार और हथियारों से लैस होकर) तुम्हारे साथ नमाज़ अदा करे काफ़िर इस घात में हैं कि तुम ज़रा अपने हथियारों और सामानों से ग़ाफ़िल हो जाओ तो तुम पर एकबारगी हमला कर देंगे। (कुरआन, सूरा-4, आयत-102)*
*पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) की जीवनी व ऊपर लिखे तथ्यों से स्पष्ट है कि मुसलमानों के लिए काफ़िरों से अपनी व अपने धर्म की रक्षा करने के लिए ऐसा करना आवश्यक था। अत: इस आयत में झगड़ा कराने, घृणा फैलाने या कपट करने जैसी कोई बात नहीं है, जैसा कि अधर्मियों द्वारा उस पैम्फलेट में लिखा गया था ..
*HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇
*इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।*
*WAY OF JANNAH INSTITUTE
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