: *υммαт-є-Rαѕυℓ ﷺ☝*
*وَأَوْحَيْنَآ إِلَىٰ مُوسَىٰٓ أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِىٓ إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ*
तर्जुमा *और हमने मूसा के पास वही भेजी कि तुम मेरे बन्दों को लेकर रातों रात निकल जाओ क्योंकि तुम्हारा पीछा किया जाएगा*
कुर्आन शुआरा الشّعراء अ 52
मुसा अ सलाम ने अपनी नबुव्वत का बहुत सारा जमाना उनमें गुज़ारा अल्लाह तआला की आयतें दलीलें उन पर वाज़ेह कर दी लेकिन उनका सर नीचा न हुआ उनका तकब्बुर न टुटा उनकी बददिमागी में कोई फ़र्क न आया .....✍
हजरत मुजाहिद रह० फ़र्माते हे का ..बनी इस्त्राईल ने उस मौकें पर किब्तियों से बहुत से जेवर बतौर आरियतन लिए और चाँद चढ़ने के वक्त चुपचाप चल दिये और उस रात चांद ग्रहण था
तब्री 19/ 354
हजरत मुसा अ सलाम ने रास्ता में पूछा कि हजरत यूसुफ़ अ सलाम की कब्र कहाँ है ? बनी इस्त्राईल की एक बुढ़िया ने कब्र बतला दी आपने ताबूते यूसुफ़ अपने साथ उठा लिया कहा गया है कि खुद आपने ही उसे उठाया था हजरत यूसुफ़ अ सलाम की वसिय्यात थी कि बनी इस्त्राईल जब यहाँ से जाने लगें तो आपका ताबूत अपने साथ लेते जाएं ..✍
*नबी करीम ﷺ किसी आरबी के यहाँ मेहमान हुए उसने आपकी बड़ी खातिरदारी की वापसी में नबी करीम ﷺ ने फ़र्माया कुछ चाहिए ? उसने कहा हां एक ऊँटनी दीजिए होदज के साथ और एक बकरी दीजिए जो दुध देती हो ! आप नबी करीम ﷺ ने फ़र्माया अफ़सोस तूने बनी इस्त्राईल की बुढ़िया जैसा सवाल न किया सहाबा रजि० ने पूछा वह वाकिया क्या है ?*
हकीम 2/ 404
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