*सहीह बुखारी शरीफ*
*किताब इल्म के बयान में*
*हदीस नंबर 73*
*बाब:--- इल्म व हिक्मत में रश्क (ख्वाहिश) करना*
*حَدَّثَنَا الْحُمَيْدِيُّ، قَالَ: حَدَّثَنَا سُفْيَانُ، قَالَ: حَدَّثَنِي إِسْمَاعِيلُ بْنُ أَبِي خَالِدٍ عَلَى غَيْرِ مَا حَدَّثَنَاهُ الزُّهْرِيُّ، قَالَ: سَمِعْتُ قَيْسَ بْنَ أَبِي حَازِمٍ، قَالَ: سَمِعْتُ عَبْدَ اللَّهِ بْنَ مَسْعُودٍ، قَالَ: قَالَ النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: ""لَا حَسَدَ إِلَّا فِي اثْنَتَيْنِ، رَجُلٌ آتَاهُ اللَّهُ مَالًا فَسُلِّطَ عَلَى هَلَكَتِهِ فِي الْحَقِّ، وَرَجُلٌ آتَاهُ اللَّهُ الْحِكْمَةَ فَهُوَ يَقْضِي بِهَا وَيُعَلِّمُهَا"".*
*रसूल अल्लाह ﷺ का इरशाद है के हसद सिर्फ दो बातो में जाइज है, एक तो इस सख्स के बारे में जिसे अल्लाह ने दौलत दी हो और वो इस दौलत को राहेहक में खर्च करने पर भी कुदरत रखता हो और एक इस सख्स के बारे में जिसे अल्लाह ने हिक्मत (कुरआन ओर हदीस का इल्म) से नवाजा हो और वो इसके जरिए से फैसला करता हो और (लोगो को) इस हिक्मत की तालीम देता हो,*
====================
No comments:
Post a Comment