Aakhir Ab kya Karna hai Musalamanon ko?
आखिर अब क्या करोगे?
क्या पुलिस के पास जाओगे केस करने उसने तो तुम्हारा ये हाल किया है
क्या अदालत जाओगे इंसाफ लेने बाबरी मस्जिद का फैसला भूल तो नही गए ना
क्या सरकार के पास जाओगे उसने ही तो करवाया है ज़ुल्म तुमपर
क्या UNO जाओगे क्या उसके कहने पे अमरीका ने इराकी मुसलमानों के घरों पे बम गिराने छोड़ दिये थे
क्या ह्यूमन राइट्स वालों के पास जाओगे रोहिंग्या को इंसाफ मिल गया क्या
किसी सेक्युलर पार्टी के पास जाओगे वो तो अपना वुजूद खो चुके है सेकुलरिज्म तो मर चुका
क्या किसी कम्युनिस्ट के पास जाओगे वो तो मुनाफ़िक़ है चीन में मुसलमानों पे हो रहे ज़ुल्म पे कुछ नही बोलते
आखिर आप किस पर यकीन करोगे संविधान पर मगर वो तो बदला जा सकता है ना इसी ने तो तुम्हारे खिलाफ एक्शन लेने के लिए तुम्हारे दुश्मन को मौका दिया
अब तुम ही बताओ किसके पास जाओगे
क्या आपको अब भी ये एहसास नहीं कि तमाम कुफ़्रिया और शिरकिया आइडियोलॉजी जम्हूरियत सेकुलरिज्म कम्युनिज्म कैपिटलिज्म आपके किसी काम नही आने वाली
आखिर कौन है जिसकी आइडियोलॉजी को मानकर ही सच्ची कामयाबी हासिल हो सकेगी
क्या तुम्हें खबर भी है कि क़ुरान में अल्लाह ये वादा करता है कि *_तुम्ही सर्बुलंद रहोगे अगर तुम सच्चे मोमीन हो_*
क्या तुम्हें मालूम है कि मुकम्मल ईमान तब तक नही मिल सकता जब तक हम अपने हर मामले में *_हुज़ूर स० को अपना रहबर अपना लीडर अपना जज ना बना लें_*
तो क्यों नही अब से आप और हम मिलकर आज के तमाम झूठे सेक्युलर नेताओं झूठे इंसानी वज़ाकरदा क़वानीन और इंसानी फिक्र से निकली हुई Ideologies का इनकार कर दें और तलाश करें अपने हर मामलों का हल क़ुरान में क़ुरान जो कि हक़ और बातिल के बीच फ़र्क़ बताता है
उठिए अब दुनिया को बता दीजिए कि हम अब धोखा नही खाने वाले और ना ही हम अपने दीन से दूर होने वाले है अब हमें सिर्फ और सिर्फ अल्लाह तआला पे यक़ीन है अब बस हम तमाम आपसी इख़्तेलाफात भुला दें और खुलकर कहें कि
_*तेरा मेरा रिश्ता क्या*_
*لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ*
'ला इलाहा इल्ललाह'
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