find all Islamic posts in English Roman urdu and Hindi related to Quran,Namz,Hadith,Ramadan,Haz,Zakat,Tauhid,Iman,Shirk,daily hadith,Islamic fatwa on various topics,Ramzan ke masail,namaz ka sahi tareeqa

Eurpe Me Auraton ke Halat pe Ek Najer.

Kya Sach me Europe me Auratein jyada Hifazat se hai?
Europe me Aurato ko kaun kaun Si aazadiya hasil hai?
Europe me Family aur Uske Member ka tasawur.
हिफाज़त से और सुकून से रहने के लिए लड़कियां यहां अपने चारो तरफ सख्त बेड़ी घेर ली हुई हैं। जो नहीं घेरी वो कभी फ्रौड़, कभी स्टॉक या फिर कहीं गलत नंबर के हवाले घिर रही है।

यही तल्ख हकीकत है, कड़वी न हजम होने वाली सच्चाई।
یورپ میں فیملی کا کوئی تصور نہیں ہے
یوں کہہ لیں کے بہن بھائی ماں باپ دادا دادی کی کوئی تمیز نہیں ہے.
جنسی ضرورت کے لئے شادی کی ضرورت  محسوس نہیں کی جاتی بلکہ جانوروں کی طرح وہاں رشتے گڈ مڈ ہیں ...
وہاں عورت کی کوئی عزت نہیں ہے کوئی شوہر نہیں ہے جو کہے بیگم تم گھر رہو میں ہر چیز تمہیں گھر لا کے دونگا.
وہاں کوئی بیٹا نہیں ہے جو کہے ماں تم گھر سے نہ نکلو مجھے حکم دو.
وہاں کوئی بیٹی نہیں ہے جو کہے ماں تم تھک گئی ہو آرام کرو میں کام کر دونگی
وہاں عورت گھر کے کام خود کرتی ہے...
اور روزی کمانے کے لئے دفتروں میں دھکے بھی خود کھاتی ہے.
کل تک آزادی کے نعرے لگانے والی آج سکون کی ایک سانس کو ترس رہی ہے.
کوئی مرد انہیں نہیں اپناتا
نہ ان کی ذمہ داری اٹھاتا ہے.
وہ صرف استعمال کی جاتی ہیں بس...
مسلمان عورتو !
تم کسی ملکہ سے کم نہیں ہو باپ کے سایہ میں لاڈوں سے پلی ہو.
بھائی تمہارا محافظ ہے
شوہر تمہارا زندگی بھر کا ساتھی ہے.
تم کیا سمجھتی ہو گھر میں بیٹھ کر ہانڈی روٹی کر کے تم ملازمہ ہو؟
نہیں نہیں یہ بھول ہے تمہاری یہ ہانڈی روٹی کا سامان جو تمہارا شوہر لے کر آتا ہے یہ گرمیوں کی دھوپ اور گرم لوُ وجود پگھلنے والے سورج سے لڑ کر لاتا ہے.
تمہیں تو مغربی عورتوں سے عبرت حاصل کرنی چاہیے.
لیکن تم کو آزادی نسواں کے سنہرے خواب دکھا کر تمہارے وقار کو ختم کرنے کی سازش ہو رہی ہے .
اس سازش کو نہیں سمجھو گی تو تم بھی متاعِ کوچہ و بازار بن جاؤ گی.
برائے مہربانی یورپی تہذیب (مغربی تہذیب) کی محبت کو دل سے نکال دیجیے ورنہ صرف افسوس کرنے کے علاوہ کچھ نہیں بچے گا، یورپ والے صرف اور صرف استعمال کرکے پیسہ کمانے جانتے ہی یعنی کے وہاں عورتیں آمدنی کا ایک ذریعہ ہے جسکے ذریعے معاشی ضرورتوں کو پورا کیا جاتا ہے، اور یہی لوگ کہتے پھرتے ہیں کے ہمارے یہاں عورتوں کو بہت زیادہ آزادی ہے یعنی مرد عورت دونوں یکسا ہے، ان لوگوں نے ساری مشکل كامو کو عورت کے ذمّے چھوڑ دیا اور خود آرام کرنے لگا اور پھر اپنی بات اوپر کرنے کے لیے آزادی اور برابری کا نعرہ دیا گیا، فیمنزم اور لبرل خیال والے شخص خود کو دنیا کا زیادہ عقلمند اور ذہین سمجھتے ہے، اُنکا خیال ہوتا ہے کے ہم جو کہتے ہیں اور سوچتے ہے وہی صحیح ہے ورنہ ساری باتیں غلط۔
اللہ ہمیں ایسی سوچ والے لوگو سے محفوظ رکھ اور ہماری بہنوں کو فاطمہ رض جیسی با پردہ اور با حیا بنا، یا اللہ جو قوم، طبقہ، جماعت یہ شخص مسلمانوں کے اندر فیمنزم اور ترکی کے نام پر فحاسی پھیلانے پے لگے ہے یا ایسی سوچ رکھتے ہیں اللہ تو اسے برباد کر دے، اُسکی نسلوں میں اتنی بیماریاں پھیلا دے کے پھر وہ ایسی حرکت سے پناہ مانگے،
اللہ تو مسلمانوں کو اپنے دین پے چلنے کی توفیق عطا فرما۔ آمین ثمہ آمین

यूरोप और अमेरिका का समाज जो है वो रखैलों में यकीन करता है बीवी में नहीं। यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई औरत या मर्द मिले जिसकी एक शादी हुई हो, जिनका एक मर्द से या एक औरत से सम्बन्ध रहा हो और ये एक दो नहीं हजारों साल की परम्परा है उनके यहाँ | आपने एक शब्द सुना होगा "Live in Relationship" ये शब्द आज कल हमारे मुल्क में भी नवजवान नसल में खूब चल रहा है, इसका मतलब होता है कि "बिना शादी के शौहर - बीवी की तरह से रहना" | तो उनके यहाँ, मतलब यूरोप और अमेरिका में ये तरीका आज भी चलती है और पहले से ज्यादा।

एक औरत के साथ रहना, ये तो कभी मुमकिन ही नहीं हो सकता

It's Highly Impossible" तो वहां एक बीवी जैसा कुछ होता नहीं | "औरत में तो आत्मा ही नहीं होती

2 अगर देखा जाए तो हमने अपने ताल्लुक पसंद (लाइक), साझा (शेयर) व तब्सिरा (कमेंट) तक ही कर लिए हैंl `सेल्फी` के इस नए जमाने में कहीं हम अकेले ही न रह जाएं, क्योंकि हर शख्स आज अपना ताल्लुक, अखलाक, रिश्ते-नाते, मान-सम्मान, उपचार, प्रचार-प्रसार, इसी माध्यम के जरिए करना चाह रहा है, पर हाथ लग रही है मायूसी, बीमारी, मानसिक तनाव और एक ऐसी बुरी लत जो बहुत बड़ी मुसीबत ला सकती हैl
जहाँ लोगों को पिछली तीन पीढ़ियां भी याद नहीं, वहां हम हजार सालों की बात करें तो क्या ये बेमानी नहीं होगी, जहाँ बचपन पहले हँसी- ठिठोली, बड़े मैदानों में खेलकूद, आस-पड़ोस के आंगन में गुजरता था, वो ही आज इस सोशल मीडिया, हाई-टेक उपकरण के व्यापक विस्तार से बच्चों में एक नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहा है

हम बच्चों को आधुनिक बनाने में आपत्तिजनक सामग्री देने में लगे हैं,

जिन बच्चों को दोस्तों, किताबों के साथ अपना अहम वक्त गुजारना चाहिए, वो चारदीवारी में कैद होकर रह गए।
जैसा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, तो सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल को समझना होगा, वक्त और हालात का ध्यान रखना होगाl नहीं तो हम खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार लेंगे, जिससे हम अपने निजी व सामाजिक ताल्लुक भी खतरे में डाल देंगे।

सिर्फ अच्छी अंग्रेजी बोलने भर से किसी के ज्ञान का आंकलन ना करें क्योंकि यूरोप में झाड़ू लगाने वाला भी अंग्रेजी बोल सकता है, वाहा तवायफ (ब्लू फिल्म बनाने वाले) भी अंग्रेजी में ही बात करते है और वह एक आमदनी का जरिया है, वाहा औरतों को पैसे कमाने का सामान समझा जाता है, जिसमें एक बार इन्वेस्ट कर दिए फिर पूरी ज़िन्दगी उससे हमें फायदा होते रहता है, और यही लोग दूसरो को आजादी का सबक सिखाने में लगे रहते हैं।

Share:

No comments:

Post a Comment

Translate

youtube

Recent Posts

Labels

Blog Archive

Please share these articles for Sadqa E Jaria
Jazak Allah Shukran

Most Readable

POPULAR POSTS