Deobandi Kyu HAi? Deobandi Hazrat Ke Kya Aqeeda Hai?
देवबंद क्या है??
बिरादराने अहले सुन्नत वल जमाअत अस्सलामो अलैयकुम
आज एक पोस्ट देवबन्द के नाम से देखने को मिली आईय्ये ज़रा उस पोस्ट की सही हकीकत ओर देवबन्द का सही मफ़हूम जाने।
आज एक पोस्ट देवबन्द के नाम से देखने को मिली आईय्ये ज़रा उस पोस्ट की सही हकीकत ओर देवबन्द का सही मफ़हूम जाने।
देवबंद के माने होते है देव शैतान, बंद यानी गिरोह शैतानी गिरोह। हिंदुस्तान के शहर देवबंद में अंग्रेज़ो ने एक इदारा क़ायम किया जिसको लोग देवबन्द के नाम से जानते हैं। आईय्ये इसकी हकीकत से रु बरु हों।
मिश्कात शरीफ जिल्द 2 बाब ज़िक्र ए यमन व शाम में बुखारी शरीफ के हवाले से हदीस नक़्ल है जिसका मफ़हूम है-
*हज़रत ए अब्दुल्लाह इब्न ए उमर रदियल्लाहो अन्हो फरमाते हैं, के रसूलुल्लाह सलल्लाहो अलैहि व सल्लम ने एक मर्तबा मुल्क ए शाम व मुल्क ए यमन के लिए दुआ फरमाई, हाज़रीन में से कुछ ने अर्ज़ की नजद के लिए भी दुवा के लिए, सरकार अलैहिस्सलाम ने फिर मुल्क ए शाम व मुल्क ए यमन के लिए दुआ फरमाई, फिर किसी ने नजद के लिए कहा, आप अलैहिस्सलाम ने फिर मुल्क ए यमन व शाम के लिए दुआ की तीसरी बार जब नजद के लिए कहा गया तो आप अलैहिस्सलाम ने फरमाया मैं उस जगह के लिए कैसे दुआ करु जहाँ से फ़ितने व ज़लज़ले उठेंगें और वहाँ से कुरनुशैतान निकलेगा और मेरी उम्मत में बिगाड़ पैदा होगा!*
मेरे अजीज़ों कुरनुशैतान के माने हैं शैतानी गिरोह। सरकार ﷺ ने 1400 साल पहले जो पेशनगोई फरमाई थी ठीक उसी तरह नजद में मुहम्मद बिन अब्दुल वहाब पैदा हुआ उसने हुज़ूर के रोज़े को *सबसे बड़ा बूत कहा* *मआज़ अल्लाह* ओर अपनी किताब अत्तोहीद में लिखा कि साहाबा इकराम से भी शिर्क हुवा मआज़अल्लाह।
इसी किताब का तर्जुमा हिंदुस्तान में ईस्माइल देहलवी ने *तकवीयतुल ईमान* नाम से किया जिसमें रसूलुल्लाह को बड़े भाई की सी ताज़ीम, फरिश्तो और तमाम मखलूक को चमार से ज़्यादा ज़लील लिखा। मआज़ अल्लाह और भी कई गुस्ताखियां बकी।
इस किताब का सबसे पहले शाह फ़ज़ल हक़ खेराबादी ने रद्द किया। शाह फ़ज़ल हक़ खैराबादी को काला पानी की सज़ा मिली। (इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलयही राजेऊन)
इस्माइल देहलवी के अक़ीदे को किसी ने क़ुबूल नहीं किया तो अंग्रेज़ो ने अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुवे देवबंद में एक मदरसा तामीर कराया जिसका नाम रखा *दारुल उलूम देवबंद*। ज़रा सोचो दोस्तो जो अंग्रेज़ ओलमाये हक़ को सूली चढ़ा रहे थे वोह किसी मदरसे को क्यों कर बर्दाश्त करते। लेकिन अंग्रेज़ो ने न सिर्फ देवबंद की बुनियाद रखी बल्कि उसे फलने फूलने में भी मदद की। और देखो मेरे आक़ा की पेशनगोई जो आपने फरमाया था *कुरनुशैतान* यानी शैतानी गिरोह ठीक उसी तरह इनका मदरसा ओर इनकी जमाअत देवबंद जमाअत यानी शैतानी गिरोह की जमात बानी।
हिंदुस्तान में जब तक देवबन्द नही बना था तब तक मुसलमान इत्तेहाद से रहते इनमे कोई फिरका नही था सब सुन्नी थे लेकिन जब से ये मदरसा बना इन्होंने मुसलमानो में ज़हर घोलना शुरू किया और उम्मत को लड़ाने के लिए नए नए अक़ीदे गड़े।
बनिये दारुल उलूम देवबंद कासिम नानोतवी वो पहला शख्स था जिसने खत्म ए नबुव्वत का नया माना गढ़ा ओर हुज़ूर अलैहिस्सलाम के बाद ज़माने नबवी या हुज़ूर के ज़माने में कोई नबी मौजूद हो या आजाये आपकी खतमियत में कोई फर्क नही आएगा अपनी किताब *तेहज़ीरउन्नस* में लिखा
इसी किताब में लिखा कि अमल में बज़ाहिर उम्मती नबी के बराबर हो जाता है बल्कि बढ़ जाता है।
इसी किताब को डिफेंस बना कर मरदूद क़ादियानी ने नबी होने का दावा किया और दलील के तौर पर किताब तेहज़ीरउन्नास दिखाई। यही अंग्रेज़
चाहते थे कासिम नानोतवी वफादारी में खरा उतरा और उम्मत को लड़ाने के लिए नया अक़ीदा गढ़ कर मुसलमानो को लड़ा दिया।
आगे चल कर इसी मदरसे के रशीद अहमद गंगोही ने फतावा रशीदिया में लिखा कि *खुदा झूठ बोल सकता है* मआज़ अल्लाह।
आगे चल कर इनके हकीमुल उम्मत ने अपनी किताब *हिफजूल ईमान में रसूलुल्लाह का इल्म बच्चों पागलो ओर जानवरों जैसा बताया* मआज़ अल्लाह।
इसी किताब का तर्जुमा हिंदुस्तान में ईस्माइल देहलवी ने *तकवीयतुल ईमान* नाम से किया जिसमें रसूलुल्लाह को बड़े भाई की सी ताज़ीम, फरिश्तो और तमाम मखलूक को चमार से ज़्यादा ज़लील लिखा। मआज़ अल्लाह और भी कई गुस्ताखियां बकी।
इस किताब का सबसे पहले शाह फ़ज़ल हक़ खेराबादी ने रद्द किया। शाह फ़ज़ल हक़ खैराबादी को काला पानी की सज़ा मिली। (इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलयही राजेऊन)
इस्माइल देहलवी के अक़ीदे को किसी ने क़ुबूल नहीं किया तो अंग्रेज़ो ने अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुवे देवबंद में एक मदरसा तामीर कराया जिसका नाम रखा *दारुल उलूम देवबंद*। ज़रा सोचो दोस्तो जो अंग्रेज़ ओलमाये हक़ को सूली चढ़ा रहे थे वोह किसी मदरसे को क्यों कर बर्दाश्त करते। लेकिन अंग्रेज़ो ने न सिर्फ देवबंद की बुनियाद रखी बल्कि उसे फलने फूलने में भी मदद की। और देखो मेरे आक़ा की पेशनगोई जो आपने फरमाया था *कुरनुशैतान* यानी शैतानी गिरोह ठीक उसी तरह इनका मदरसा ओर इनकी जमाअत देवबंद जमाअत यानी शैतानी गिरोह की जमात बानी।
हिंदुस्तान में जब तक देवबन्द नही बना था तब तक मुसलमान इत्तेहाद से रहते इनमे कोई फिरका नही था सब सुन्नी थे लेकिन जब से ये मदरसा बना इन्होंने मुसलमानो में ज़हर घोलना शुरू किया और उम्मत को लड़ाने के लिए नए नए अक़ीदे गड़े।
बनिये दारुल उलूम देवबंद कासिम नानोतवी वो पहला शख्स था जिसने खत्म ए नबुव्वत का नया माना गढ़ा ओर हुज़ूर अलैहिस्सलाम के बाद ज़माने नबवी या हुज़ूर के ज़माने में कोई नबी मौजूद हो या आजाये आपकी खतमियत में कोई फर्क नही आएगा अपनी किताब *तेहज़ीरउन्नस* में लिखा
इसी किताब में लिखा कि अमल में बज़ाहिर उम्मती नबी के बराबर हो जाता है बल्कि बढ़ जाता है।
इसी किताब को डिफेंस बना कर मरदूद क़ादियानी ने नबी होने का दावा किया और दलील के तौर पर किताब तेहज़ीरउन्नास दिखाई। यही अंग्रेज़
चाहते थे कासिम नानोतवी वफादारी में खरा उतरा और उम्मत को लड़ाने के लिए नया अक़ीदा गढ़ कर मुसलमानो को लड़ा दिया।
आगे चल कर इसी मदरसे के रशीद अहमद गंगोही ने फतावा रशीदिया में लिखा कि *खुदा झूठ बोल सकता है* मआज़ अल्लाह।
आगे चल कर इनके हकीमुल उम्मत ने अपनी किताब *हिफजूल ईमान में रसूलुल्लाह का इल्म बच्चों पागलो ओर जानवरों जैसा बताया* मआज़ अल्लाह।
तो मेरे भाईय्यो अब आप समझ ही गए होंगे कि देवबन्द क्या है? दरअसल ये एक शैतानी गिरोह है जो मुसलमानो में नए नए अक़ीदे गढ़ कर आपस मे लड़ाने के लिए अंग्रेज़ो ने पैदा किया। लिहाज़ा मेरी अपने अजीज़ों अकारिब से गुज़रिश है। इस शैतानी गिरोह से बचें।और इन अक़ीदों से दूर रहे जो उम्मत में फिरका वारीयत को पैदा करती है। फिरका वारीयत तभी खत्म हो सकती है जब मुसलमान इन अक़ीदे ओर इनके पैरोकारों से दूर हो जाये आईय्ये हम सब मिलकर फिरका वारीयत को खत्म करे और शैतानी अक़ीदों से बचें और शैतानी गिरोह से अपने और अपने इस्लामी भाईयों के ईमान की हिफाज़त करे!
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