Ham Indians 26 January kyu manate hai?
Why we celebrate Republic day?
#26 January #Republic day,
गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय त्योहार है।
भारतीय 15 अगस्त को आज़ादी का दिन के तौर पर क्यो मानते है?
गणतंत्र दिवस जिसे अंग्रेजी में रिपब्लिक डे कहते है।
गणतंत्र दिवस भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है।
हिंदुस्तान में पहले मुगलों की हुकूमत थी लेकिन अंग्रेजो ने 1757 में मुगल सल्तनत के आखिरी ताजदार बहादुर शाह जफर को बेदखल कर गिरफ्तार कर लिया और रंगून भेज दिया।
अंग्रेज यहां व्यापार करने के लिए कंपनी बैठाए जिसे ईस्ट इण्डिया कम्पनी के नाम से जाना जाता है , मगर यह कंपनी हकीकत में यहां हुकूमत करने के लिए आई थी।
कंपनी यहां अब व्यापारिक एकाधिकार से राजनीतिक एकाधिकार प्राप्त कर ली थी, लाखो हिन्दुस्तानियों को कैद कर लिया गया और उससे जबरन नील की खेती करवाई जाने लगी।
हिंदुस्तानी राजाओं के आपसी लड़ाई झगड़े का फायदा उठाकर अंग्रेजो ने उन राजाओं को और लड़ाना शुरू कर दिया।
इस तरह अंग्रेजो ने भारत पर 190 साल तक राज किया।
इसी गुलामी को खतम करने के लिए अनेकों महापुरुषों ने आंदोलन चलाए, अनशन पर बैठे और अपनी जानो की कुर्बानियां दी तब जाकर हमे यह आजादी मिली।
इसलिए यह दिन शहीदों को खिराज ए तहसीन पेश करने का दिन है। जिन्होंने अपनी जिंदगी की , कुर्बानी की और जान की बाजी लगाई।
हिंदुस्तान की तारीख में 26 जनवरी का दिन एक तारीखी दिन है।
इसी दिन अंग्रेजो से 190 साल की गुलामी से आजादी मिलने पर हमारा अपना संविधान बनकर तैयार हुआ, यानी हम कानूनी तौर पर स्वाधीन हुए।
जब हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली तो उसके बाद देश कैसे चलाया जाए यह सवाल उठ खड़ा हुआ?
जिसके बाद एक कानूनी मसौदा तैयार किया गया जिसके लिए सविधान सभा का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को बनाया गया।
नए अविधान बन जाने तक देश का शासन 1935 के भारत सरकार अधिनियम के द्वारा होता था।
15 अगस्त 1947 को हिंदुस्तान आजाद हुआ । सविधान सभा ने अपना काम जारी रखा और उसने फरवरी 1948 में नए सविधान का मसविदा तैयार किया। विधानसभा ने 26 नवंबर 1949 के दिन सविधान को अंतिम रूप दे दिया।
फिर जब यह सविधान बनकर तैयार हो गया तब 26 जनवरी 1950 के दिन लागू कर दिया गया।
इसलिए 26 जनवरी के दिन को पूरे भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है
हमारा सविधान तैयार होने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे।
इसी सविधान ने भारत को एक लोकतंत्र और समाजवादी राष्ट्र करार दिया।
भारतीय सविधान में सारे धर्मो के लोगो को, सभी जातियों के लोगो के बराबर बताया गया और इसे सेक्युलर यानी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र कहा।
भारतीय सविधान दुनिया का सबसे विस्तृत सविधान है, जिसमे भारतीय को 6 मौलिक अधिकार हासिल है।
इस तरह भारत में 26 जनवरी का दिन एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है जिसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आजादी के लिए जान्निशारो ने मुल्क की खातिर अपनी जान तक दे दी, आजादी का नारा शहर शहर , गांव गांव और कस्बा कस्बा में बुलंद होने लगा।
रामप्रसाद बिस्मिल ने देश के लोगो को संबोधित करते हुए कहा।
सर परोशी की तम्मन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुएं कातिल में है
हिंदुस्तान की आजादी में इन महापुरुषों का महत्वपूर्ण योगदान है जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है।
महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार भगत सिंह इत्यादि महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियो के अथक प्रयासों से हमे आजादी मिली जिसके बाद हम स्वाधीन हुए।
सविधान तैयार होने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरु पहले प्रधान मंत्री बने , सरदार वल्लभ भाई पटेल गृह मंत्री और मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा मंत्री बनाए गए। लेकिन महात्मा गांधी ने किसी सरकारी पद को स्वीकार नहीं किया और वह आज इस देश के राष्ट्रपिता की हैसियत से जाने जाते है।
हमारा देश आजाद है। 26 जनवरी के दिन हर राज्य और देश के सभी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और स्वतंत्रता सेनानियो को याद किया जाता।
खास तौर पर देश के सभी शिक्षण संस्थानों में गणतंत्र दिवस का जश्न बड़े शौक से मनाया जाता है।
इस दिन कई जगहों पर अमर शहीदों, महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियो की याद में राष्ट्रीय समारोह का आयोजन किया जाता है।
26 जनवरी के दिन हर सरकारी और गैरसरकारी कार्यालयों में छुट्टी होती है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति लाल किले पर तिरंगा फहराते है और स्वतंत्रता सेनानियो को नमन करते है।
सेना की परेड होती, इस मौके पर कई विदेशी मेहमान भी मौजूद होते है।
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