Ladkiyaan Ladko ke sath Ghar walo ko Chhodkar kyu bhag rahi hai?
शोबिज और आज के मॉडर्न दौर ने औरतो को खिलौना बना दिया है, ज़ुल्म देखो... मर्द पूरे कपड़े पहन रखे है मगर बेचारी औरत को फैशन के नाम पर इस मॉडर्न सोच और आज़ादी के नारे ने बीच मैदान मे नंगा बैठाया हुआ है। यहाँ उनको बराबरी के हुकूक याद नही आते। अफसोस ऐसी सोच पर।
इस्लाम घर से भाग कर शादी करने के बारे मे क्या कहता है?
मुस्लिम लड़कियां हिंदुओ के साथ क्यों भाग कर शादी कर रही है?
इसमे कोई शक नही के लड़कियो की निस्वानीयत सोशल मीडिया पर मर्दो के लिए.......
एक कॉलेज के प्रोफेसर का लड़कियो के लिए सलाह:*
तुम कोई चॉकलेट या आइस क्रीम नही हो जो हर किसी को अपना मिठास देती रहोगी।
यूरोप के चंदे पर बने पाकिस्तानी मूवी का बॉयकॉट क्यो किया जा रहा है?
यूरोप का #कल्चर_वार और मुस्लिम समाज .
आज के लड़के लड़कियों को मां बाप के पैसे भी चाहिए और अमेरिका के जैसा #कल्चर भी।
शिक्षा (तालीम) के नाम पर मुसलमान लड़कियो को बे पर्दा करने का रिवाज बढ़ता जा रहा है।*
तेरी तहजीब ने उतारा है तेरे सर से हिजाब
मेरी तहजीब ने मेरी आँखो को झुका रखा है।
अगर मर्द किसी लड़की को देखे बगैर इंटरनेट पर बात करे तो लफ्जो के असरात् दिल पर पड़ते है, इंटरनेट एक ऐसी दुनिया है जहाँ एक शराबी खुद को नमाजी बना सकता है, जानी एक शरीफ इंसान बन सकता है।
यह ऑनलाइन की दुनिया मे खुद को कुछ भी बनाया जा सकता है, कोई नही जान पाता के दूसरी तरफ बैठा शख्स कैसा है?
महंगाई के इस दौर मे जहाँ शादियां करना मुश्किल होता जा रहा है वही लड़के और लड़कियो की सोच मे तब्दीली आई है, इस इंटरनेट की दुनिया ने जवान लड़के लड़कियो तक आसानी से मागरिबि मवाद मुहैय्या कर दी है, मगरिब् (वेस्टर्न कल्चर) की आज़ादी या फिर आज़ादी के नाम पर बर्बादी, हर काम दिल खोलकर कर रहे है। शादियाँ नही होने से जिनाकारी बढ़ी और अब हम मे और नसरानियो मे कोई फर्क नही रहा।
यहूदियों और ईसाइयों पर अल्लाह ने लानत भेजी है।
नजाएज़ रिश्ते लड़के लड़कियो मे बनने लगे। दिन ए इस्लाम के हुक्म का कोई ख्याल नही रहा। पहले कुछ लोगो को मुहब्बत होती थी, लेकिन अब चंद लोग ही होंगे जिनका कोई गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड नही है।
इस हराम मुहब्बत के नशे मे अपने रब की मुहब्बत को ठुकरा रहा है, माँ बाप की मुहब्बत को ठुकराया जा रहा है। माँ बाप की मुहब्बत वह मुहब्बत है जो इस दुनिया मे आने से पहले हुई, यह वक्ति मुहब्बत तो 18 - 20 साल का होने के बाद हुई है उससे पहले तो कोई किसी को नही जानता था।
आज कोई अपना घर छोड़कर भाग रहा है, तो बहुत सारी लड़कियां वक़्त से पहले माँ बन रही है, गंदे वीडियोज और तस्वीरे देखने का नतीजा है ।
इंटरनेंट से जहाँ लोगो को साहूलियते फ़राहम किये वही इसके गलत इस्तेमाल भी हो रहे है।
इंटरनेट ने जहाँ लोगो को करीब किया वही धोका, परेशान करना, अक्सर देखने मे आया है के लड़कियां लड़को की शराफत और सादगी पर मर मिटती है तो वही लड़का लड़कियो की मिठी मिठी बातो और हुस्न व शबाब मे बहक जाता है।
ऐसे मे लड़कियां लड़को को दिल दे बैठती है, वह लड़का भी बड़े बड़े वादे और कसमे खाने लगता है, जब दिल पूरी तरह दे देती है तो वह लड़का किसी और लड़की के साथ शुरू हो जाता है। इसके बाद लड़की मुहब्बत को धोका समझ कर सारी जिंदगी मर्द को ताने देती रहती है और जिंदगी खराब कर लेती है। "सभी मर्द ऐसा ही होता है" वगैरह जैसे जुमले बोलकर अपने दिल को तसल्ली देती है।
मगर इसमे "सारे मर्दो" की क्या गलती?
जहाँ फूल होता है वही कांटे भी होते है, इन काँटों का काम रंगबिरंगी खुशबु वाले फूलो की हीफाजत करना।
ज्यादातर लड़कियां ऐसे हराम रिश्ते मे अपनी इज़्ज़त भी गंवा देती है, जीना कर बैठती है और बाद मे अफसोस करती है। आजकल मोबाइल मे ऐसे ऐसे अप्लिकेशंस इंस्टाल है । सारे कॉल्स, वीडियो कॉल्स और चैट रिकॉर्ड हो जाते है।
लड़कियां मुहब्बत मे अपना सब कुछ खतम कर लेती है, लड़के फिर उसी डेटा से ब्लैकमेल करते फ़ीडते है।
ऐसे रिश्ते जिसकी बुनियाद झूट और धोका पर हो उसका अंजाम भी ऐसा ही होता है।
माँ बाप की मुहब्बत को ठुकरा कर जाने वाले कैसे कामयाब हो सकते है?
माँ बाप की बद्दुआ ऐसे लोगो को सुकूँ की नींद लेने नही दे सकती।
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