Quran ki Aayaton Galat Matlab Samjhane ki sazish.
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम*
*अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है?
*सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है
*नोट यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
*पार्ट नंबर 47
पवित्र कुरआन की वे चौबीस आयतें
19 पैम्फलेट में लिखी 19वें क्रम की आयत है:
*हे नबी ! 'ईमान' वालों (मुसलमानों) को लड़ाई पर उभारो। यदि तुम में 20 जमे रहने वाले होंगे तो वे 200 पर प्रभुत्व प्राप्त करेंगे, और यदि तुममें 100 हों तो 1000‘काफ़िरों पर भारी रहेंगे, क्योंकि वे ऐसे लोग हैं जो समझ-बूझ नहीं रखते।''(कुरआन, सूरा-8, आयत- 65)
मक्का के अत्याचारी कुरैश व अल्लाह के रसूल (सल्ल0) के बीच होनेवाले युद्ध में कुरैश की संख्या अधिक होती और सत्य के रक्षक मुसलमानों की कम।
*ऐसी हालत में मुसलमानों का हौसला बढ़ाने में उन्हें युद्ध में जमाए रखने के लिए अल्लाह की ओर से यह आयत उतरी। यह युद्ध अत्याचारी व आक्रमणकारी काफ़िरों से था न कि सभी काफ़िरों या गैर-मुसलमानों से। अत: यह आयत अन्य धर्मावलम्बियों से झगड़ा कराने का आदेश नहीं देती। इसके प्रमाण में हम एक आयत दे रहे हैं:-*
*जिन लोगों (यानी काफ़िरों ने तुमसे दीन के बारे में जंग नहीं की और न तुमको तुम्हारे घरों से निकाला, उनके साथ भलाई और इंसाफ का सुलूक करने से खुदा तुमको मना नहीं करता। खुदा तो इंसाफ़ करनेवालों को दोस्त रखता है(कुरआन, सूरा-60, आयत- 8)
*HAMARI DUAA⬇⬇⬇
*इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।
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