Quran Burned By Rasm us Paludan in Sweden.
स्वीडन मे फिर मुसलमानो के मजहबी किताब कुरान को आग मे डाल दिया गया।
आखिर यूरोपीय देशों मे मुसलमानो के खिलाफ इस तरह का आंदोलन चलाकर का साबित किया जा रहा है?
स्वीडन में धुर-दक्षिणपंथी और आप्रवासी विरोधी समूहों द्वारा मुसलमानों के धर्म ग्रंथ क़ुरान को जलाने की घटना के बाद कई शहरों में चौथे दिन भी विरोध प्रदर्शन हुईं हैं.
लोकल मीडिया ने बताया है कि पूर्वी शहर नोरेशेपिंग में इतवार को भी लगातार विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें पुलिस ने शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे मुसलमानो को चेतावनी देते हुए उन पर गोलियां चलाई थीं जिसमें तीन लोग घायल हुए हैं.
हार्ड लाइन आंदोलन के प्रमुख और डेनिश-स्वीडिश चरमपंथी आतंकवादी रसमुस पालूदान ने कहा है कि उन्होंने इस्लाम के सबसे पवित्र मूलपाठ (कुरानी आयात) को जलाया है और वो अपने इस काम को दोहराएंगे.
डॉएचे वैले ने रिपोर्ट किया है कि रविवार को पालूदान ने नोरेशेपिंग में एक अन्य रैली की चेतावनी दी थी जिसके बाद इसके विरोध में भी प्रदर्शन करने के लिए लोग इकट्ठा हुए थे.
डेनमार्क में नस्लवाद समेत कई अपराधों के कारण पालूदान को 2020 में एक महीने की जेल हुई थी.
उन्होंने फ़्रांस और बेल्जियम जैसे यूरोपीय देशों में इसी तरह से क़ुरान जलाने की कोशिशें की थीं.
इस शख्स ने मुसलमानो के जज़्बात का मजाक बनाते ही उसने इस्लामिक ग्रंथ को आग मे डाल दिया और वहाँ की प्रशासन और सरकार मे इसमे पूरी तरह से मिली हुई है।
इससे पहले भी इसने कुरान को आग मे डाला था मगर वहाँ की सरकार और सिस्टम कुछ नही की बल्कि उस अवार्ड देकर और हौसला अफजाई की गयी।
इससे पहले नार्वे मे भी कुरान को आग के हवाले कर दिया गया था जिसमे एक मुस्लिम लड़के ने भीड़ को छिड़ते ही कुरान को आग मे जलने से बचा लिया जिसकी वजह से उस जेल मे डाल दिया गया।
यह कोई नई बात नही जब ऐसे घटनाओ पर वेस्टर्न देश खामोश हो बल्कि जब भी मुसलमानो के खिलाफ आंदोलन चलाया गया तब उसे और पश्चिमी देशो ने बढ़ावा दिया।
स्वीडन मे इस शख्स ने एक मुहिम चलाया है कुरान जलाने का, यह इससे पहले भी कई देशो मे ऐसा कर चुका है।
दरअसल, देश में प्रतिबंधित डेनमार्क की Hard Line के नेता Rasmus Paludan को मालम में मीटिंग की इजाजत नहीं दी गई थी और स्वीडन के बॉर्डर पर रोक लिया गया था।
प्रशासन को शक था कि उसके आने से स्वीडन में कानून को तोड़ा जाएगा और मुसलमानो के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। इसके बाद इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया था।
लेकिन गिरफ्तार किए जाने के बाद गुस्साए आतिवादियो ने रैली के दौरान कुरान को जला दिया।
इसके आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Paludan ने भी पिछले साल कुरान को जलाकर विवाद खड़ा कर दिया था। यही नहीं, उसने मुस्लिमों में वर्जित मीट (बेकन) में घेरकर कुरान को रखा था।
फेसबुक पर भी उसने नफरतभरे पोस्ट किए थे।
इससे आप सब अंदाज़ा लगा सकते है के ईसाइयो ने मुसलमानो के खिलाफ कितना नफरत फैलाया हुआ है?
इस शख्स को यूरोपीय सरकार ऐसा करने के लिए पैसे और राजनीतिक मदद करती है।
इस चरमपंथी और आतंकवादी घटना का सऊदी अरब, इराक और ईरान ने निंदा की है।
नार्वे मे कुरान को जलाकर मुसलमानो को का पैगाम दिया जा रहा है?
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