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Afghan Auraton ne kiya Taliban ka Support , kahan hame manjur hai aisa kanun.

Afghanistan me Auraton ne Taliban ka support kaise kiya?

अफगान औरतों ने किया तालिबान का समर्थन , कहा हमे मंजूर है तालिबानी शासन

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत में औरतों की हालत कैसी है?
क्या तालिबान अफगान औरतों को बेबस बना कर रखा है?

इस तरह के सवाल आए दिन हम मीडिया में देखते है, और कुछ बिकाऊ मीडिया अफगान औरतों की ऐसी कहानी सुनाती है जैसे लगता है 20 सालो से चले आ रहे है लड़ाई का खामियाजा इन्ही लोगो को भुगतना पड़ा है?

कुछ दलाल मीडिया औरतों की आजादी के नाम पर अफगानिस्तान का यूरोपीकरन करना चाहते है।

शराब , सिगरेट, फहाशी जीनाकारी आम करना जैसे अधिकार शामिल है।
  यह लोग अफगानिस्तान पर अपना विचार थोपने वाले होते कौन है?
कौन है यह लोग जो हर किसी पर अपना विचार जबरदस्ती डाल देते है?

आज तक तो यही हमसब सुनते और देखते आए के तालिबानी शासन में औरतों के हालत अच्छे नही है लेकिन आज उससे कुछ अलग और निष्पक्ष जानकारियां आपको बताने जा रहा हूं।

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन में महिलाओं की स्थिति को लेकर कुछ बिकाऊ और दलाल मीडिया  चिंता जता रही थी, लेकिन असल में वहां हो क्या रहा है?

इसी बीच अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से आई तस्वीरें इन दलाल मीडिया को बेनकाब कर दिया है।

काबुल में अफगान औरतों ने तालिबानी शासन का समर्थन किया और साथ में अपनी हमदर्दी भी जताई।

जब यह तस्वीरें सामने आई तो कुछ चाटुकार मीडिया ने उन अफगान औरतों को निशाना बनाना शुरू कर दिया जिन्होंने तालिबानी हुकूमत का समर्थन किया था।

उन अफगान औरतों ने नकाब पहन रखी थी, हाथ में दस्ताने डाल रखे थे इसलिए कुछ मीडिया वालो को इससे चिढ़ होने लगी।

जब बात पर्दे की हो और चाटुकार मीडिया न भौंके ऐसा नहीं हो सकता?

इन लोगो ने मुस्लिम औरतों को आजादी के नाम पर उनसे हया की चादर उतारने और गिद्दो के जैसे नोच खाने की ठान रखी है।

कुछ यूरोपीय गिद्धो को बर्दास्त नही हुआ तो उन्होंने भद्दे भद्दे कमेंट करने लगे।

अफगान महिलाओं ने किया तालिबान का समर्थन

शनिवार को काबुल यूनिवर्सिटी में तकरीबन 300 अफगान औरतें एक साथ इक्कठा हुई और तालिबान पर औरतों के हुकूक के मुतल्लिक लग रहे इल्जामात को सिरे से खारिज किया और कहा के हमे जो अधिकार चाहिए थे वह तालिबान ने दिए है साथ ही उन्होंने मीडिया को अफवाह फैलाने से मना किया।

कुछ अफगान औरतों ने तालिबान का झंडा भी फहराया और लोगो को मुखातिब करते हुए तालिबान के प्रति वफादारी की कसमें भी खाई।

साथ ही उन्होंने को एजुकेशन सिस्टम ( मखलूत तालीम ) को भी गलत तरीका बताया और हम जिनसियत के बढ़ते हुए रुझान पर अपनी चिंता जाहिर की।
तालिबान के लैंगिक अलगाव को सही बताया और दूसरे अफगान लोगो से इस पर अमल करने को कहा।

इस अफगान औरतों ने पोडियम पर अपने भाषण में अमेरिका और यूरोप के देशों की जमकर आलोचना की।
उन्होंने ने मगरिबी मुमालिक ( पश्चिमी देश ) और मीडिया पर फहाशी फैलाने का इल्जाम भी लगाया, भाषण के दौरान वहां बैठी अफगान औरतों ने झंडे फहराकर अपने समर्थन का इजहार भी किया ।

को एजुकेशन का विरोध

इन औरतों ने को एजुकेशन सिस्टम का विरोध किया और साथ में यह भी कहा के इससे बुराई फैलती है और हमे बुराई फैलाने वाला सिस्टम नही चाहिए।
इन वक्ताओं ने उन औरतों की भी आलोचना की जिन्होंने तालिबान के खिलाफ सड़कों पर मुजाहिरा किया।
उन्होंने साथ में को एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ हाथो में प्लेकार्ड लेकर  सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी किया।

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