Ibrahim Alaihe Salam Ka waqya Quran me.
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❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀
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Ibrahim Alaih Salam Ka Waqya Quran Me |
भाग-122 तारीख़:06/10/2019
★★☆★☆ *आज़र-2*★★☆★★
क़ुरआन में है-
इब्राहिम ने अपने पिता के लिए जो क्षमा के लिए प्रार्थना की थी, वह तो केवल एक वादे के कारण थी जो वादा उसने उससे किया था ! फिर जब उसपर यह बात खुल गई कि वह तो अल्लाह का दुश्मन है तो वह उससे बे ताल्लुक हो गए ! बेशक इब्राहिम बड़े ही नरम दिल,अत्यंत सहनशील थे !_【सूरा-9,अत-तौबा-आयत-114】
★★☆★☆ *आज़र-2*★★☆★★
क़ुरआन में है-
इब्राहिम ने अपने पिता के लिए जो क्षमा के लिए प्रार्थना की थी, वह तो केवल एक वादे के कारण थी जो वादा उसने उससे किया था ! फिर जब उसपर यह बात खुल गई कि वह तो अल्लाह का दुश्मन है तो वह उससे बे ताल्लुक हो गए ! बेशक इब्राहिम बड़े ही नरम दिल,अत्यंत सहनशील थे !_【सूरा-9,अत-तौबा-आयत-114】
क़ुरआन में एक दूसरे जगह पर आया है-
*_तुम्हारे लिए इब्राहीम और उन लोगो मे जो उसके साथ थे एक उत्तम आदर्श मौजूद है, जबकि उन्होंने अपनी जातिवालों से कह दिया, हम तुमसे और अल्लाह के सिवा जिन्हें भी तुम पूजते हो उनसे अलग है, हम तुम्हारे बुतों को नही मानते ! और हमारे और तुम्हारे बीच हमेशा के लिए बैर और मतभेद आ चुका है, जब तक अकेले अल्लाह पर तुम ईमान न लाओ ! हाँ, इब्राहीम ने अपने पिता से अवश्य कहा था कि मैं तुम्हारे लिए क्षमा की प्रार्थना करूँगा जबकि अल्लाह के मुकाबले में आपके लिए मैं किसी चीज़ पर अधिकार नही रखता ! ऐ हमारे रब, हमने तुझी पर भरोसा किया और तेरी ही ओर रुजू हुए और तेरी ही ओर अंत मे लौटना है !_【सूरा-60, अल-मुम्तहिना,आयत-4】
*_तुम्हारे लिए इब्राहीम और उन लोगो मे जो उसके साथ थे एक उत्तम आदर्श मौजूद है, जबकि उन्होंने अपनी जातिवालों से कह दिया, हम तुमसे और अल्लाह के सिवा जिन्हें भी तुम पूजते हो उनसे अलग है, हम तुम्हारे बुतों को नही मानते ! और हमारे और तुम्हारे बीच हमेशा के लिए बैर और मतभेद आ चुका है, जब तक अकेले अल्लाह पर तुम ईमान न लाओ ! हाँ, इब्राहीम ने अपने पिता से अवश्य कहा था कि मैं तुम्हारे लिए क्षमा की प्रार्थना करूँगा जबकि अल्लाह के मुकाबले में आपके लिए मैं किसी चीज़ पर अधिकार नही रखता ! ऐ हमारे रब, हमने तुझी पर भरोसा किया और तेरी ही ओर रुजू हुए और तेरी ही ओर अंत मे लौटना है !_【सूरा-60, अल-मुम्तहिना,आयत-4】
_हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का जीवन चरित्र हमारे लिए एक बेहतर नमूना है ! उन्होंने मूर्तिपूजा करने वाले पिता को भी अल्लाह के मार्ग में त्याग दिया, क्योकि "शिर्क" करने वाला अल्लाह का दुश्मन और विद्रोही है और अल्लाह ने शिर्क को बहुत बड़ा अत्याचार बताया है !_ 【सूरा-31,लुक़मान,आयत-13】
आगे.........
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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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