Kisi Aurat ke khubsurati ka Zikr karna.
*किसी औरत की ज़ीनत का तज़्किरा*
*शोहर से करना*
*इब्ने मस्ऊद रज़िअल्लाहु अ़न्हु से रिवायत है कि*
*अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:*
*कोई औ़रत अपने शोहर से किसी औ़रत की स़िफ़ात इस त़रह़ बयान ना करे कि गोया वो उस औ़रत को खुद देख रहा हो ।
*(बुख़ारी: अऩ्निकाह 4241, 4240)*
*---------J,Salafy--------*
*जिस शख़्स ने किसी नेकी का पता बताया, उसके लिए (भी) नेकी करने वाले के जैसा अज्र हैं।
*(स़ही़ह़ मुस्लिम: ज़ी. 3, हदीस 4665)
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