Israel aur Christian Countries ne Ab tak Hamas ke bare me Kitne Jhooth bole hai?
Israel ka Propganda war Palestinian ke Khilaf.ऐ ईमान वालो तुम यहूदियों और नासराणियो को यार व मददगार न बनाओ, ये दोनो खुद ही एकदूसरे के यार ओ मदद गार है। और तुम मे से जो शख्स उनकी दोस्ती का दम भरेगा तो फिर वह उन्ही मे से होगा। यकिनन अल्लाह जालिम लोगो को हिदायत नही देता।
अगर आप फिलिस्तीन की आज़ादी चाहते है और इजरायली सामान खरीद कर इस्तेमाल भी करते है तो समझ जाए के आप फिलिस्तिनियो का खून बहाने, मस्जिदो पर बॉमबारी करने की फंडिंग कर रहे है। साथ साथ आप झूठ भी बोल रहे है के मै क़ीबला ए अव्वल की हीफाज़त चाहता हूँ। जितना यहूद ओ नसारा और अरबो का फिलिस्तिनियो के खून से हाथ रंगे है उतना ही आप भी शामिल है इसमे।
अमेरिका किन तरीको से दहशत गर्द इस्राएल की मदद कर रहा है।
यह इस्लाम के खिलाफ सलेबी और सह्युनियो का एलान ए जंग।
मस्ज़िद ए अक्सा मे नमाज पढ़ने की फ़ज़ीलत।
अरब बादशाहो का क़ीबला ए अव्वल वाइट हाउस है।
इजरायल जमीन खरीद कर नही, जमीन हथिया कर कायम हुआ है?
फिलिस्तिनि बाप ने शायर की बात आज पूरी कर दी।
बच्चे है, उस को यूँ न अकेले कफन मे डाल
एक आध् गुड़िया, चंद खिलौने कफन मे डाल
नाज़ुक है कोंपलो की तरह मेरा शेर ख्वार
सर्दी बड़ी शदीद है, दुहरे कफन मे डाल
कपड़े उसे पसंद नही है, खुले खुले
छोटी सी लाश है, इसे छोटे कफन मे डाल
नन्हा सा है पाओं, वह छोटा सा हाथ है
मेरे जिगर के टुकड़ो के टुकड़े कफन मे डाल
मुझे भी दफन कर दे मेरे लख्त ए जिगर के साथ
सीने पे मेरे रख इसे, मेरे कफन मे डाल
डरता बहुत है कीड़े मकोड़े से इस का दिल
काग़ज़ पर लिख यह बात और इस के कफन मे डाल
मिट्टी मे खेलने से लूथर जायेगा सफेद
नीला सजेगा इस पे सो नीले कफन मे डाल
ईसा की तरह आज कोई म्युजेज़ा दिखा
यह फिर से जी उठे, इसे ऐसे कफन मे डाल।
सोता नही है यह मेरी आगोश के बगैर
फारस' मुझे भी काट के इस के कफन मे डाल
शायर: रहमान फारसी
अब तक ग़ज़ा मे क्या हुआ?
फिलिस्तिनियो का नरसंहार मे नजाएज़ इस्राएल का कौन मददगार?
सवाल यह नही होना चाहिए के अब तक ग़ज़ा मे क्या हुआ? बल्कि सवाल अब इंसानियत के
और UN के थिकेदारो से होना चाहिए के क्या नही हुआ?
पिछली रात जो फिलिस्तिनियो पर गुजरी वह उनके लिए किसी क़यामत से कम नही थी।
30 से ज्यादा टैंको के साथ इजरायली आतंकियो ने ग़ज़ा मे गोले बरसाए और फिलिस्तिनियो का जनसंहार किया। इसी वज़ह से इंटरनेट को बंद कर दिया और जो रेपोर्टर्स उसकी सच्चाई दुनिया को दिखा रहा था उसको भी यहूदियों ने मार दिया। आसमान और जमीन फिल्स्तिनियो पर गिराए जा रहे गोले और बॉम्ब से खून की मानिंद लाल हो चुका था।
वेस्टर्न मीडिया जो हमेशा प्रेस की आज़ादी की बात करता है वह ब्रिटिश राजभक्त बना बैठा है। BBC, cnn, वॉशिंगटन पोस्ट, WSJ, The Guardian वगैरह और हिंदी पट्टी के मीडिया नेतन्याहु का अनुनायि बना हुआ है।। अल जज़ीरा जो इस्राएल के हमलो को दुनिया के सामने दिखा रहा था उसके रिपोर्टर पर बोम्बरी कर दिया, रिपोर्ट करते हुए tv पर उन्होंने खुद अपने परिवार और बच्चो के मौत की खबर सुनाई। अब तक इस्राएल के आतंक को सामने लाने की वज़ह से 31 रिपोर्टर अपनी जान से हाथ धो बैठे है। अल जजीरा पर अमेरिका और यूरोपियन देश दबाओ डाल रहा है के उसका स्क्रिप्टेड न्यूज़ लिखे जो इस्राएल के प्रोपगैंडा को फैलाये।
बिजली, पानी, खाना, दवाइयाँ, राहत की समाने यह सब पहले से हि बन्द थी लेकिन कल रात मुकम्मल तौर पर इंटरनेट, नेटवर्क, और बिजली सप्लाई बंद कर दिया गया। दहशत गर्द इस्राएल ने झूठा इलज़ाम लगाया के अगर बिजली बंद है तो फ्रीडम फाइटर्स कैसे हमले कर रहे है, वह अपने ज़ुल्मो पर पर्दा डालने के लिए यह कह रहा है के अस्पतालो मे हमास छिपा हुआ है इसलिए वह होस्पितालो पर बॉमबारी कर रहा है।
वह बोलता है के मेरा लडाई हमास से है तो हॉस्पिटल पर क्यो बॉम्ब गिराकर मरीजों, डॉक्टरों और बच्चो को मार रहा है।
जब उसकी लडाई हमास से है तो फिलिस्तीन का ज़मीन खाली क्यो नही करता है?
वह खुद दूसरे के ज़मीन पर बसा है और दूसरे को मारकर लोगो से सहानुभूति लेने के लिए कहता है के हमास आतंकवादि है।
क्या दूसरे को आतंकवादि कह देने से उसका ज़ुल्म माफ हो जाता है?
वह स्कूलों, पार्को, रिहायशी इलाको, अस्पतालो, मस्ज़िदों और चुर्चो पर बॉम्ब गिराकर बोलता है के हमास से हमारी लडाई है।
हमास की हुकूमत ग्ज़ा पर है तो वह वेस्ट बैंक को राख मे क्यो बदल रहा है?
वह हमास से लड़ रहा है तो लेबनान पर क्यों हेलिकॉप्टर से बॉम्ब गिरा रहा है?
वह सीरिया पर बॉम्ब मार कर हमास के ठिकाने पर हमला करने की बात करता है।
वह चर्च और मस्ज़िद पर हमला कर रहा है और बोलता है हमास से लडाई है फिलिस्तीन के लोगो से नही।
वह फिलिस्तिनियो पर सफेद फॉस्फोरस गिरा रहा है जिसके इस्तेमाल पर UN पाबंदी लगा रखा है और बोलता है हमास पर हमला कर रहे है।
आम लोगो का खाना,पानी, दवा, बिजली, इंटरनेट बंद कर रखा है और बोलता है हमास से लडाई है।
अब तक 7500 से ज्यादा लोग शहीद हुए, 20 हजार ज़ख़्मी है, 10000+ कैदी है और 15 लाख से ज्यादा बेघर होचुके है और उन्हे अपना घर छोड़कर जाना पड़ा। क्या ये सारे लोग हमास के थे?
क्या 1.5 मिलियन लोगो का कोई घर नही था? जिसने उन यहूदियों को बसने की जगह दी आज वही बेघर है।
इसे बावजूद भी अमेरिका कहता है के हमे इन आंकड़ो पर भरोसा नही। मानवाधिकार को अपने विरोधियो के खिलाफ इस्तेमाल करने वाला फिलिस्तिनियो को खून। से नहला रहा है।
अबतक यहूदि दहशत गर्दो ने कितने अफवाह फैलाये है यूरोप के साथ मिलकर।
पहले इस्राएल ने कहा के हमास ने 40 बच्चे को मार डाला, उसके साथ बाद इसका फैक्ट चेक हुआ तो पता चला के जिस तस्वीर की बुनियाद पर यह दावा किया जा रहा है वह AI का बनाया हुआ है।
फिर सह्युनि दहशत गर्दो ने प्रोपगैंडा के तहत यह झूठ फैलाना शुरू किया के हमास कैदियों के साथ अच्छा सुलूक नही कर रहा है जबकि यह भीं उसका झूठ पकडा गया। हमास ने जब 2 कैदी रिहा किये तो उसमे एक ज़ईफ् खातून ने बताया के हमास का हमारे साथ बहुत अच्छा सुलूक था, वह जो खाना खाते थे वही मुझे भी खिलाते थे।
इस्राएल सफेद फॉस्फोरस गिरा कर इससे इंकार कर जाता है, हॉस्पिटल पर बोम्बारी करके इंकार कर जाता है और हमास पर इलज़ाम लगाता है के उसके लोगो के पास से रासायनिक हथियार बनाने के सबूत मिले है।
ये झूठ फैलाना सलेबियो और सह्युनियो के प्रोपगैंडा वार का हिस्सा है, जिसमे जरिये लोगो मे अपना समर्थन बढ़ाना चाहता है, वह लोगो से हमदर्दी हासिल करने के लिए यह सब कर रहा है। ईसाई और यहूदियो ने जितने भी हमले किये है उससे पहले झूठ फैलाया है इंफोर्मेशन वार किया। इराक की तरक्की उसे पसंद नही आई तो उसके खिलाफ रासायनिक हथियार जिससे 45 मिनट मे दुनिया खत्म हो जाने का खतरा बता कर सद्दाम हुसैन को फांसी की सज़ा दे दिया। लेकिन इस्राएल को आर्थिक, सामरिक, राजनीतिक, कुत्निज्ञा, नैतिक मदद करने वाला ईसाई यूरोपियन देश अमेरिका आज भी इस्राएल को हथियार दे रहा है।
फिलिस्तिनियो के क़त्ल ए आम पर अरबो ने अब तक क्या किया?
अरब को था जिस अजमत पर नाज़
वह अजमत धरी की धरी रह गयी।
हुआ गर्क पेट्रोल जोश जिहाद
हया तेल की धार मे बह गयी।
बेहद अफसोस के साथ यह बताना पड़ रहा है के ग़ज़ा मे पिछली रात क्या हुआ किसी को मालूम नही, वहाँ यहूदियों ने इंटरनेट मुकम्मल तौर पर बंद कर दिया, और बॉमबारी मे पुरा आसमान और ज़मीन खून के मानिंद लाल हो चुका है। अब वहाँ क्या होगा बाहरी दुनिया को पता नही चलेगा। इसी बीच सऊदी अरब ने अमेरिका से रिश्ते खत्म करने की धमकी देकर और ग्जा पर हो रहे बॉमबारी की निंदा करके अपने क़ौम का बहुत बड़ा क़र्ज़ चुका दिया है। इससे 3 दिन पहले 9 अरब देशों ने संयुक्त ब्यान मे इस्राएल के हमले की निंदा करके के फिलिस्तिनियो पर एहसान किया था।
इसी बीच सऊदी अरब सूडान के पुलिस और फौज के बीच होने वाले झड़प को खत्म करने की रियाद मे बैठक बुलाई है।
सऊदी अरब युक्रेन के लिए जंग खत्म करने की सिफारिश की है।
सऊदी हुकमरानो ने रियाद मे Music फेस्टिवल की मेजबानी की बहुत कोशिशे की थी जिसमे कामयाबी मिल गयी उसे।
आज 28-10-2023 से सऊदी अरब मे Music फेस्टिवल शुरू होने का रहा है, जिसमे बड़े बड़े सिंगर, पॉप सिंगर, रैपर और musician शामिल होंगे। इसके अलावा लाखो की तादाद मे विदेश से टिकट खरीद कर इस फेस्टिवल मे शामिल होंगे। देशी विदेशी मेहमां उस मनोरंजन का लुत्फ़ उठाएंगे। इस शो मे सबसे ज्यादा टिकट यूरोप के लोग बुक किये है जहाँ ईसाई आबादी सबसे ज्यादा है। सऊदी अरब ने फिलिसितनियो के क़त्ल ए आम पर और खाना, पीना, दवा, बिजली, इंटरनेट सबकुछ बंद करने की खुशी मे ईसाइयों और यहूदियों के सारे मिलकर जश्न मनाने का एक बहुत बड़ा प्रोग्राम रखा। ताकि सलेबी, सह्युनि और अरबी सब एक साथ मिलकर मौशिकी का लुत्फ़ ले। वहाँ सलेबी और सह्युनियो का बहुत ही गर्मजोशी से इस्तकबाल किया जायेगा। फिलिस्तिनियो पर इस्राएल की बॉमबारी का जश्न रियाद मे मनाया जा रहा है। कहते है के करबला मे कूफ़ा वाले कैसे मुसलमान थे के हुसैन राजीआलाहु अनहु का साथ नही दिये वह आज देख ले के फिलिस्तिनियो के क़त्ल ए आम की खुशी मे कौन मुस्लिम हुकमराँ मुजरा का एहतेमाम कर रहा है।
लोग हैरान होकर पूछते हैं कि नबी ﷺ के नवासे पर जब क़र्बला मे ज़ुल्म हो रहा था तो कूफ़ा वाले खामोश कैसे थे?
शायद ऐसे ही जैसे आज फिलिस्तीन पर हैं..
सऊदी अरब जुनूबि कोरिया के महौलीयात् तब्दीली पर बैठक किया।
दो साल पहले UAE, मोरोक्को, जोर्डन ने नजाएज़ इस्राएल को तस्लिम कर लिया था और अपना राजदूत वहाँ भेज दिया।
अभी तक अफगानिस्तान मे तालीबान हुकूमत को किसी ने तसलिम नही किया, इसलिए के अमेरिका उसे इसकी इजाज़त नही दिया, जबकि अफगानिस्तान किसी दूसरे के ज़मीन पर नही बना है, इस्राएल जो अरबो का क़त्ल ए आम करके बसाया गया है।
अरब अपने मौज मस्ती और अय्याशी मे मशगुल है, उसे फिलिस्तिनियो की मस्जिद ए अक्सा की कोई परवाह नही।
आम मुसलमान, उलेमा और मुहल्ले के इमाम जो सिर्फ दुआओ तक ही महदूद है क्या वह इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते?
गंगा जमुनी तहजीब वाले मुसलमानो को लगता है के हम तो हिंदुस्तान मे बैठे है, हमे फिलिस्तीन से क्या मतलब, जिसका वहाँ घर है वह समझे, वह जाने, यही सोच अरब के रईस हुक्मरानो का है। वह मुसलमानो का रहनुमा बनने का शौक रखते है, हमेशा शीया सुन्नी का मामला लेकर खूब इसपर बहस और सियासत करते है। मगर जहाँ यहूद व नसारा से मुकाबले की बात आती है वो सब जो सुन्नी मुसलमानो का रहनुमा बनने के झूठी दावे करते है गायब हो जाते है। क्योंके असल मे इनका मुसलमानो से इनका कोई लेना देना नही है।
इनको तेल और गैस से जो पैसे आते है उसमे ये खुश है, सोने के गाड़ियों, आलीशान महल और सोने की टॉयलेट तक इनके पास मौजूद है। इनको फिलिस्तीन से कोई मतलब नही, जब सबकुछ हो जायेगा तो कुछ माली मदद दे देंगे। अभी फिलिस्तीन मे जितनी तेजी से दवाएं, खाने की सामान ये सब नही पहुँच रही है उतनी तेजी से सलेबि इस्राएल को हथियार, टैंक, मोर्टार, तोप, मिसाइल वगैरह भेज रहा है।
मस्जिद ए अक्सा सिर्फ फिलिस्तिनियो का नही है और न सिर्फ ग़ज़ा के लोगो का है बल्कि पूरे उम्मत ए मुस्लेमा की ज़िम्मेदारी है के वह फिलिस्तिनियो के साथ खड़े हो। यह आलम ए इस्लाम का मामला है।
यह जंग सलेबी और सह्युनियो का मुसलमानो के खिलाफ है?
हक़ और बातिल की जंग में करने के कई काम हैं
आज सह्युनि और सलेबी मुसलमानो के खिलाफ एक साथ है, वह किसी भी कीमत भी फिलिस्तिनियो को आज़ादी नहीं देना चाहते, अमेरिकी सदर ने एक बार कहा थे के "अगर मिडिल ईस्ट मे कोई इस्राएल नही होता तो अपनी हितो की रक्षा के लिए एक इस्राएल का खोज करना होता". इससे आप ईसाइयों के मंसूबे को समझ सकते है। वह वही पर सबसे ज्यादा ज़ुल्म करता है जहाँ मुसलमान है और तेल निकलता है।
आम मुसलमानो को मगरिब् की चिकनी बातो मे नही आना चाहिए, ये जो ग्लोबल ऑर्डर और तरह तरह के नियम बनाये है वह सब उसके हथकंडे है जिसकी बुनियाद पर दुसरो पर पाबंदी लगाता है, एक महसा अमिनि और मलाला की खबर पर पुरा ईसाई गिरोह जाग गया था उसकी हीफाज़त और आज़ादी के लिए वही फिलिस्तीन पर चुप है, और यहूदियों को हथियार भेज रहा है। क्या उसे ग़ज़ा के हालत मालूम नही।
जो आम मुसलमान कर सकते है
क़लम... और
सोशल मीडिया... के जरिये
इनमें से जिस काम मे आप महारत या ताक़त रखते हों और वासाएल मौजूद हों उसके ज़रिए अपने फिलिस्तीनी भाइयों की ज़रूर मदद करें,आम मुसलमानो ने ही अपने सलाहियत के मुताबिक सह्युनि कंपनी का बॉयकॉट किया जिससे लोग बेदार हुए। इसी तरह सारे मुसलमानो को इसके बारे मे बताये, उसे जागरूक करे। याद रखे के मुसलमान एक जिस्म की तरह है, जिस्म के किसी भी हिस्से मे चोट लगती है, ज़ख़्म होता है तो पूरे जिस्म मे दर्द महसूस होती है।
इससे कोई फर्क नही के कोई काला है या उजला, अफ़रिका का है या अरब का, अरबी है या मिसरी, हिंदी है या चीनी। सब उम्मत ए मुहम्मदिया है। इस्लाम मे अमल की बुनियाद पर किसी का मर्तबा ऊँचा या नीचा होता है। मस्जिद ए अक्सा पर अरबो का क्या रवैय्या रहा है वह बताने की जरूरत नही , हम एक मुसलमान भाई के लिए यह सब कर रहे है। अरबो का क़ीबला ए अव्वल फ़िरंगीयो का वाइट हाउस है। जिन्होंने फिरंगियों के कॉलोनीयअल् हुकूमत को देखा है उन्हे बखूबी पता है।
नापाक वज़ूद इस्राएल जो आज कर रहा है या 1948 से करता आरहा है... सिर्फ अमेरिका की हिमायत से, ब्रिटेन, फ्रांस की हिमायत से। अगर सलेबी सह्युनि को मदद करना बन्द कर दे तो आज झुक जायेगा। जैसे कुछ होता है अमेरिका हथियार भेजना शुरू कर देता है।
इसमे असल मुज़रिम कौन है? अमेरिका. जिसके बारे मे बात करने से मीडिया, हुकमराँ और माहेरिन डरते है, मीडिया इस पर बात नही करता क्योंके उसे अमेरिका के तरफ से मिले हुए इनाम का भी लाज रखना।
लिहाज़ा आम मुसलमानो को सोचना होगा के अरबो का, तुर्किये का, पाकिस्तान का, मिस्र का सबसे करीबी पार्टनर् कौन है? वह अमेरिका है, इस्राएल को मदद कौन देता है वह अमेरिका है। लिहाज़ा अगर जादूगर की जान तोते मे है तो जादूगर को मारने से नही मरेगा बल्कि तोता को पकड़ना होगा,। तोते की गर्दन जब कटेगी तब ये तागुत् खत्म होगा। इसके लिए आल्मी सतह पर मुस्लिम दुनिया को चीन और रूस के खेमे मे जाना। होगा।
पहले अपने दुश्मन को पहचाने। कौन है जिसकी ताकत पर इस नजाएज़ वज़ूद को नाज़ है? अगर अरबो और दुनिया के सारे मुसलमानो को उपर लिखी हदीस याद होती तो शायद आज फिलिस्तीन का यह हाल नही होता।
हमास के फ्रीडम फाइटर्स मे 80% यतीम है। जिनके माँ बाप, भाई बहन या पूरे खानदान को इस्राएल, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी वगैरह यहूद व नसरानी ने बॉम्ब गिराकर मार डाला। आज बॉमबारी को देखते हुए जो बच्चा बड़ा होगा वह कोई पबजी का खिलाडी नही बनेगा बल्कि वो स्वतंत्रता सेनानी बनेगा जिसे अमेरिका और उसके अनुयायी देश आतंकवादि कहेगा लेकिन उनलोगो को इससे कोई फर्क नही पड़ता क्योंके उन्होंने मिट्टी की गोलिया से नही खेली है, सलेबी सह्युनि गोला बरूदो को देखते हुए बड़ा हुआ है, अपनी आँखो के सामने अपने प्यारो को दम तोड़ते हुए देखा होगा।