Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain | why Muslim girls are marrying Hindu boys |
Muslim Ladkyion Ko Kaise Jaal Me Fansaya Jaa Raha Hai | मुस्लिम लड़कियाँ और लव जिहाद | मुस्लिम लड़कियों को भगवा जाल में कैसे फंसाया जाता है | what are LM and HM
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Muslim ladkiyon ko Paise ke lalach me Shadi ke liye Bhaga le jane ka Trend jodo par hai.
मुस्लिम शहज़ादियों का बचाव करना ही आने वाली नसलों का बचाव है.
मुस्लिम दुनिया मे #फ़हाशि और #बे_पर्दगी का #इतिहास और #यूरोप की साजिशे।
मुस्लिम लड़कियों होशियार रहो इस साजिश से
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain |
जो क़ौम अपने रसूल ﷺ की इज़्ज़त और नामूस पर पहरा नहीं देती वो क़ौम रुसवा होती है मार खाती है। उस क़ौम की बहन बेटियों की इज़्ज़त उस क़ौम के मर्दों के सामने नीलाम की जाती है_ आज हमारे साथ यही हो रहा है।
आज मुस्लिम शहज़ादियों का ग़ैर मुस्लिम लड़को के साथ शादी करने और भागने के जो वाक़ियात सामने आ रहे हैं सैकड़ों और हज़ारों की तादाद में लेकिन हमारी क़ौम का हर छोटा बड़ा तबका बड़ी आसानी से तमाशा देख रहा है, किसी को इस बात से कोई मतलब नहीं के हमारी घर की लड़कियां स्कूलों और कॉलेजों में किस से मिल रही है , किस के साथ आती जाती है, उसकी सहेलियां कौन कौन है, वह कैसे लोग है, उनका ईमान वा अकीदा कैसा है, किस मजहब की है?
इसकी कोई परवाह नहीं बस हमे अपनी बेटियो पे भरोसा है।
सोशल मीडिया पर इधर उधर की ख़बर उठाकर चिपकाकर कुछ नहीं होगा , मोबाईल की स्क्रीन पर उंगलियां बहुत घिस लीं अब ज़मीन पर उतरकर थोड़ी चप्पलें भी घिसिए! जिस घर में कम उम्र के लड़के लड़कियों को स्मार्टफोन हाथो में हो वहा दीवारें ऊंची करने का कोई फायदा नही।
आज मुस्लिम क़यादतें भी इस मसले पर कुछ नहीं बोल रही हैं और ना ही मुस्लिम शहज़ादियों को बचाने के लिए हमारे पास कोई प्लान है , हमारी कौम की हमदर्दी में बड़े बड़े लेक्चर और बयान देने वाले कुछ नहीं बोल रहे हैं उन्हें इस मसले पर बोलते हुए डर लगा रहा है। देसी लिबरल्स से आज हर कोई खौफ खा रहा है, के कही हमे कट्टरपंथ और दकियानूसी सोच वाला ना कह दिया जाए, आज मुस्लिम रहनुमा भी इस मसले पर खामोश है, क्योंकि यहां उनको चुप्पी साधने के अलावा कोई रास्ता भी नही है।
जितने छोटे कपड़े उतनी ही ज्यादा मॉडर्न और लिबरल
आज के दौर में नंगे रहने से ज्यादा इज्जत मिलती है।
मुस्लिम खवातीन और यूरोप की साजिशें (मगरिबी तहजीब)
मुस्लिम औरतों को असल मकसद से गुमराह करने की साजिश।
लेकिन हम बेग़ैरत नहीं हैं, हमारा दीन हमें ग़ैरत का दर्स देता है, हम अपनी हिम्मत और हैसियत के मुताबिक कुछ तो कर ही सकते हैं, हमारे अंदर अभी भी शर्म वा हया बाकी है और इन शा अल्लाह कयामत तक रहेगी। हम किसी लिब्रांडू टोला वाले से नही डरते, हमे अपनी तहजीब और रिवायत से मुहब्बत है , हम इससे कभी समझौता नहीं कर सकते।
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain |
#करना_क्या_है?
बेबाक आइम्म्मा ए मसाजिद हर जगह इस मसले पर बयान दें और मुस्लिम शहज़ादियों के मां बाप को तंबीह करें की वो अपनी बेटियों पर नज़र रखें!
मुस्लिम वालेदैन अपनी बेटियों को कोचिंग के नाम पर , एक्स्ट्रा क्लासेस के नाम पर , फ्रेंड की बर्थडे पार्टी के नाम पर घर से रात के 12-12 बजे बाहर जाने पर रोक लगाएं, उनसे नरमी से पेश आए।
मुस्लिम लड़कियों के भाईयों से गुज़ारिश है कि अपनी बहनों की ज़रूरत घर बैठे पूरा करें और अगर घर से बाहर जाने की ज़रुरत पड़े तो उनके साथ जायें उनको साथ लेकर जायें, अपनी बहन के ज़रूरी कामों को ना टालें, मुस्लिम भाईयो से भी गुजारिश है के घरों का निजाम एक दीनदार घराने के जैसा बनाए, फिल्म, सीरियल , फहश विडियोज - तसावीर से परहेज करे और बच्चो को अम्बिया के वाकयात सुनाएं।
कॉलेज में पढ़ने वाली गैरतमंद और बहिम्मत मुस्लिम शहज़ादियों से गुज़ारिश है कि आप अपने स्कूल , कॉलेज और यूनिवर्सिटी या कोचिंग में ऐसी मुस्लिम शहज़ादियों को समझाने की कोशिश करें जो गलत रिलेशनशिप में मुब्तिला हैं, उनकी इसलाह करें , उन्हें दीन की बातें बताए और जरूरत पड़ने पर उनके वालदैन तक इसकी खबर दें।
बा सलाहियत और दीनदार मुस्लिम बहनों से गुज़ारिश है कि वो अपनी सहेलियों का ग्रुप बनाकर जैसे मुम्किन हो जगह जगह जाकर अपनी उन बहनों को समझाकर महफूज़ करे जो गलत रिलेशनशिप में मुब्तिला हैं, जितना बेहतर तरीक़े से लड़की लड़की को तबलीग कर सकती है मर्द नहीं कर सकते। इसलिए इन कामों में दिनदार बहनें अपना फर्ज अदा करें, वह एक अहम किरदार अदा कर सकती हैं लिहाजा इस्लाम की शहजादियों से बे इंतेहा शराफत के साथ यह गुजारिश की जाती है के आप सब ऐसे मुस्लिम लड़कियों को जहन्नुम की आग से बचाए जो जोश में होश खोकर या ला इल्मी के सबब , दीन की दूरी की वजह से आग के शोला में जलने जा रही है।
नौजवान मुस्लिम भाईयों से गुज़ारिश है कि अपने दोस्तों के ग्रुप को फुज़ूल कामो में ना लगाकर अपने दीन और अपनी कौम की शहज़ादियों को महफूज़ करने में लगाएं। मुस्लिम लडको से गुजारिश है के खुद एक बा हया भाई बने तभी आपकी बहने बा हया और बा इज्जत रहेंगी, अगर खुद की बहन प्यारी है और अपनी बहन को दूसरो की नजर से महफूज रखना चाहते है तो आप अपनी नजरें संभाल लें, दूसरो की बेटियो और बहनों को छुप छुप कर , इधर उधर से देखना बंद कर दें, अगर ऐसा नहीं कर सकते है तो फिर आपकी बहन भी महफूज नहीं रहेंगी, वह भी किसी की गर्ल फ्रेंड जैसे घटिया और नापाक रिलेशनशिप में रहेगी। आपकी बहन भी किसी की गर्ल फ्रेंड, महबूबा या रखैल कह लाएगी। इसलिए सिर्फ अपनी बहनों को ही नहीं समझाइए बल्कि खुद भी समझिए और अगर निकाह के काबिल है तो निकाह कीजिए।
आज की मुस्लिम नौजवान नस्ल कल यूरोप की गुलामी करेगी।
गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड मुसलमानों का कल्चर नही है।
हमारी क़ौम का जो अमीर और प्रोफेशनल तबका है उससे मेरी गुज़ारिश है खुदा के वास्ते अपनी कौम के हाल पर रहम खाईए और अपनी कौम के हर छोटे बड़े खानदान की बेटी की इज़्ज़त और आबरू के मुहाफिज़ बन जाईए , अपने इलाक़े में मुस्लिम शहज़ादियों के लिए गर्ल्स स्कूल और कॉलेज बनाएं ताकि हमारी कौम की शहज़ादियां तालीम हासिल करने सके और मॉडर्न तालीम और को एजुकेशन के नाम पर इज़्ज़त और आबरू को बर्बाद होने से बचा सकें।
ये सब कुछ करना इतना आसान नहीं है मगर ना मुमकिन भी नहीं है जो ग़ैरत मंद मुसलमान होगा वो हाथ पर हाथ रख कर तमाशा नहीं देखेगा वो ज़रूर अपनी मिल्लत की बेटियों के लिए उठ खड़ा होगा और ज़रूर कुछ ना कुछ करेगा।
_*नोट:* मुस्लिम नौजवानों से गुज़ारिश है कि पहले तुम अपने आपको हराम रिलेशनशिप से दूर रखो तब तुम अपनी बहन बेटियों को हराम रिलेशनशिप से बचा पाओगे अगर तुम्हारे किरदार पर हराम रिलेशनशिप का दाग होगा तो तुम कैसे अपनी क़ौम की बेटियों और बहनों को तबलीग करोगे?......दिल दुखता है मेरे भाई बहुत दिल दुखता है.... अगर तुम आज खड़े ना हुए तो कौन तुम्हारी बहनों की इज़्ज़त आबरू के लिए खड़ा होगा जैसे मुमकिन हो लिखकर ,बोलकर और चलकर अपनी बहनों तक मैसेज पहुंचाइए कुछ तो हो ही सकता है कुछ तो कर ही सकते हैं।
निकाह और " लिव इन रिलेशनशिप " में क्या फर्क है?
*मुस्लिम बच्चियाँ घर से क्यों भागती है।?*
मुस्लिम औरतें घर से भागकर गैर मुस्लिम लड़कों से शादीयां कर रही हैं और हम मुसलमान गफलत में पड़े हुए है।
*चेन्नई- 5,180*
*कोयंबटूर 1,224* *तिरुचि- 1,470*
*मदुरै- 2,430*
*सलेम- 740*
*हैदराबाद- 3500*
*गुजरात-2500*
*महाराष्ट-6000*
*और बी स्टेट जहा 500से जयादा*
*कुल 20,000 से अधिक* मुस्लिम लड़कियों ने पिछले 3 सालों में गैर मुस्लिम मर्दो से शादी की है !
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain |
यह सिलसिला दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है ! इसके चंद सबब ये है।
1- अपने बच्चे की गैर इस्लामी तरीके से परवरिश करना,
2- उनको हमारी तहज़ीब - रिवायत, शर्म व हया न सिखाना, एजुकेशन के नाम पर ईसाई मिशनरी में भेजना जहां उनका ब्रेनवाश करके नास्तिक बना दिया जाता है जो आगे चलकर इस्लाम के खिलाफ एक हथियार के जैसा काम करने लगती है।
3- दीनी तालीम से कोसो दूर रखना या रहना।
पैसे, शोहरत और मॉडर्न कहलाने के लिए सिर्फ दुनियावी तालीम देना जहां बच्चियों को बहला फुसला दूसरे मजहब के लड़के से शादी करने की नसीहत की जाती है।
4- अपने बच्चे को बहुत लाड़ प्यार देना हर खाहिश पूरी करना, उनकी हर बातो पर विश्वाश करना यानी अंधविश्वासी बन जाना। उनको जायज नजायेज और हराम हलाल के बारे में नही बताना।
5- उन्हें बहुत महंगे महंगे मोबाइल बगैर किसी शर्त के देना, और आंख बंद करके यह भरोसा करना है हमारी बच्ची ऐसा कुछ नहीं करेगी।
6- उन्हें बिगैर निगरानी के दूर शहरों के कॉलेजों में भेजना या उन्हें को एजूकेशन जहां लड़का लड़की एक साथ पढ़ते है ऐसे कॉलेजों में भेजना !
Co-Education सिस्टम में ही ज्यादातर ऐसे वाकयात पेश आते है, गैर मुस्लिम लडको को उनके मजहबी तंजीम की तरफ से "घर वापसी" और "LM नही HM" के लिए पैसे दिए जाते है। मुस्लिम लड़कियों को मुताशीर करने के लिए उन्हें महंगे बाइक, कार और हर तरह की सहूलियतें फराहम की जाती है ताकि आसानी से उसे दाना डालकर जाल में फंसाया जा सके।
मुस्लिम लड़कियों को फंसाने के लिए LM aur HM एक नया तरीका।
7- बेटी की शादी में बिला वजह देरी करना!*
8- बेटी की दोस्त की मालूमात न करना के वह कहां जा रही है किस से मिल रही है ।
9-अपनी जवान बेटी पर बहुत अधिक विश्वास कि वे ऐसा नहीं करेंगी ! याद रखें जिन्होंने किया वो भी अपने माता-पिता के भरोसे मंद बच्चे थे।
10-कहीं आने जाने पर कोई रोक टोक न होना ओर ये कहना के हम नए ज़माने के लोग है हमने अपनी लड़की को खुली आज़ादी दी है , वह अपने फैसले खुद कर सकती है और फिर एक दिन वो आता है के किसी के साथ भागने का फैसला भी वो खुद करती है।
11 -फिल्में ड्रामे टीवी, शो, ऑनलाइन, फेसबुक, चेटिंग मैसेंजर ने भी हमारी नस्लों को बेहयाई में ढकेल दिया है।
इस तरह दिन के दुश्मनों का काम आसान हो जाता है और हमारी बहनें उनके जाल में फंस जाती है।
मुस्लिम लड़कियों के लिए खास पैगाम।
मॉडर्न और फैशन के नाम पर गैरो की गुलामी न करे।
अपने इस्लामी वकार को कायम रखें, सादगी को अपनाएं , सादगी ईमान का हिस्सा है।
फैशन से इज्जत नहीं मिलती, इज्जत किसी दुकान पर भी नही बिकती जिसे खरीद सके, अल्लाह इज्जत देता है वही सरबुलंदी अता करता है।
अपनी नियतों को ठीक कर लें, ढीले ढाले नकाब और हिजाब इस्तेमाल करे। अल्लाह की रजा वा खुशनुदी को पेश नजर रखें, अल्लाह का हुक्म पूरा करने के लिए पर्दा करें, दीन के आहकमात का मजाक न बनाए।
मुसलमान वालदैन से गुजारिश
*अपनी लड़की का निकाह जल्द से जल्द हर हाल मे कर देना चाहिए*। जब वह बालिग हो जाए तो दीनदार लड़के से उसकी शादी कर देनी चाहिए।
क्या इस्लाम में जबरदस्ती निकाह जायज है?
इस्लाम में औरतों के अधिकार और आज का कानून।
निकाह करना किसी मुसलमान के लिए क्यू जरूरी है?
*निकाह को आसान बनाएं ताकि जीना ( नजायेज़ ताल्लुकात ) मुश्किल हो जाएं।
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मुस्लिम लडको को खास नसीहत।
मुस्लिम लड़के इश्कबाजी में डिप्लोमा किए होते है फिर जब उनसे ही उनके घर की लड़कियां सिख जाती है तो गलत है...।
उलेमा को लड़कियों के जरिए ब्लैकमेल करने की साजिश।
मतलब लड़का करे तो कोई बात नही और लड़की करे तो मुस्लिम समाज खतरे में...। यह कैसी सोच है हमारी?
इस्लाम ने यह तो नहीं कहा के लड़का छिछोरे वाला काम करे तो सही है और लड़की के लिए गलत है।
इस्लाम ने तो मर्दों को अपनी निगाहें नीची रखने का हुक्म दिया ताकि फितने का अंदेशा ना हो, खवातीन को पर्दा करने का हुक्म दिया है ताकि दोनो एक - दूसरे की कशिश से बच सके ।
इस्लाम ने निकाह करने को कहा है ना के गली , मुहल्ले में चौराहे पड़ खड़े होकर आती जाती औरतों को देख कर लतीफे कसना, कमेंट डालना।
यह सब तरीका गैर शरई है और यह एक बहुत बड़ी बुराई है जिसे हमसब को मिलकर खतम करना होगा।
यह सब रोकने के लिए पहले हमारे ही कौम के मजनूओं को अपनी आदत बदलनी होगी।
खवातीन इं शा अल्लाह खुद बा हया और बा पर्दा हो जाएंगी।
भाई मिर्जा गालिब की शेर गुनगुनाएगा तो बहनें अलामा एकबाल की मिशरे थोड़ी न पढ़ेगी।
भाई आधी रात तक फोन से चिपक कर चैटिंग करेगा तो बहनें थोड़ी ना कुरान मजीद की तिलावत करेंगी।
लड़का सारी रात मोबाइल फोन में फिल्में और ड्रामे देखेगा , फोन पर लड़कियों की नंगी तस्वीरें देखेगा और सुबह 10 बजे सोकर उठेगा तो लड़कियां रात में तहज्जुद की नमाज थोड़े ही अदा करेगी बल्कि उसको तो फंसाने वाले हमारे ही लोग है।
आपकी बहन बेटी भी किसी दूसरे की गर्ल फ्रेंड बनने के लिए बड़ी हो रही है।
पहले हम खुद गलत है , हमे सुधरना होगा वरना मुस्लिम लड़कियां भी इश्कबाज़ी में पीएचडी से फारिग होने लगेगी फिर उस वक्त हाथ पे हाथ रख कर तमाशा देखते रह जायेंगे।
इस्लाम ने यह नही कहा है के मर्द नजरें नीची न रखे तो खवातीन के लिए पर्दा जरूरी नहीं, यह भी नही कहा के खवातीन पर्दा न करे तो मर्द अपनी निगाहें नीची रखना छोड़ दे।
हमे अपनी बच्चियों को ना मेहरम और मेहरम के बारे में बताना होगा, सिर्फ शोर शराबा करने से नही होगा।
अल्लाह मुसलमानों को सीरत ए मुस्तकीम पे चला, मुस्लिम लड़कियों को सही समझ अता कर, उनके दिलों में दीन की मुहब्बत रौशन कर, उन्हें हमेशा दुश्मनों , फाजिर वा फाशिको के शर से महफूज रख। आमीन सुम्मा आमीन