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Jismani Talluq qayem karne ke bad bhi logo me Pyar kam kyu ho jata hai?

Jismani Rishte (Physically relation) rakhne ke bad bhi logo me pyar khatam kyu ho jata hai?
Jismani tallukat ke bad jyadatar logo ka breakup kyu ho jata hai?

जानवर बगैर निकाह (शादी) के रहता है इंसान नही।

एक दूसरे को समझने और साथ में रहने के बाद भी आज क्यू रिश्ते से नाखुश है जबकि यह सब अपनी मर्जी से होती है?
लिव इन में रहने के बाद भी लड़के लड़कियां एक दूसरे को इतना समझते और उसके बारे में जानते हुए भी कैसे ब्रेकअप और तलाक हो जाता है?

जिस्मानी रिश्ता बनने के बाद ज्यादातर लोगों में प्यार खत्म क्यों हो जाता है?
जिस्मानी रिश्ते कई तरह के होते है,

आशिक - माशूका का, लिव इन रिलेशनशिप, हसबैंड वाइफ का

लेकिन हसबैंड वाइफ के रिश्ते को छोड़ कर सारे रिश्ते बे बुनियाद होते है उन्हें तो एक ना एक दिन ख़त्म होना ही है,

जिस तरह एक फूल फ्लोवरपोट में लगाए वह कुछ ही दिनों में अपनी खुशबू और रौनक खोता जाता है, लेकिन दूसरी तरफ गमले में लगाया गया दरख़्त आपके जरिए दिया गया खाद पानी और देखभाल से मुसलसल निखरता जाता है, क्यूके उसकी जड़ें मिट्टी में मजबूती से जमी रहती है, और किसी तरह का आंधी तूफान उसको नुक्सान नहीं पहुंचा सकता ।

फूलों की तरह ही हमारे बीच के रिश्ते है,अगर हम इन्हें जमाय रखेंगे ,तो ये दिन पर दिन निखरते रहेंगे और खुशबू देंगे।

दूसरे रिश्तों के मुक़ाबले शौहर बीवी के रिश्तों में प्यार  बना रहता है, बल्कि रोज़ ब रोज बढ़ता ही रहता है।
क्यूंकि
एक तो वो तहज़ीब व तमद्दुन में, रस्म व रिवाज में, बुजुर्गो के बनाए हुए तरीके पर, शरीयत के मुताबिक निकाह करके दोनों हमेशा के लिए एक हो जाते है।

और वही दूसरी तरफ ऐसे रिश्तो ( लिव इन रिलेशनशिप, बॉय फ्रेंड - गर्ल फ्रेंड, सेक्स, झगड़े उसके बाद ब्रेकअप )  में कोई बुनियादी उसूल नहीं  होता, ना रस्म व रिवाज का, ना समाज का, ना बुजुर्गों का डर, और शरीयत के मुताबिक जिनाकार भी ।
जब ऐसे ताल्लुकात कायम किए जाएंगे जिससे अल्लाह राजी ही ना हो तो वह भला कैसे रह सकता है?

हमे ज़िन्दगी मिली है जैसे चाहे जि सकते है लेकिन क्या आप ने कभी सोचा के यह ज़िन्दगी जो हमसब जी रहे है इसके लिए हमने कोई कीमत अदा किया है या इसके लिए कोई मुआहेदा ( एग्रीमेंट) किया है जिसके बेना पर हम अपनी मन मर्जी करते जा रहे है?
अगर कीमत अदा किया है तो कितना, कितने दिनों का और किससे?
अगर नहीं किया है तो फिर इस ज़िन्दगी में हम अपनी मन मर्जी कैसे कर सकते है?
हम अपनी ज़िन्दगी इसलिए बे हयाई, बे शर्मी, फहाशी, बुराई और शराब नोशी, जानी बनने में गुजार देते है क्योंकि हम सब को इसकी कोई कीमत अदा नहीं करना पड़ा?
इससे तो साबित हो जाता है के इंसान को अगर कोई सामान मिल जाए बिना मेहनत के तो वह उसकी अहमियत समझता ही नहीं, उसकी क़दर ही नहीं करता है।
जिसने हमें यह ज़िन्दगी दिया वहीं हम सब को मौत भी देगा तो क्यों ना सारी ज़िन्दगी हम उसी के हुक्म पे चले, क्यों के इबतादा में भी वही और इंतहा ( आखिरी) में भी वही।

मगर अफसोस आज नवजावनो को ये रिश्ते काफी अच्छे लग रहे है, क्युकी इसमें बहुत कम प्यार की जरूरत होती है, लोग सिर्फ एक दूसरे का इस्तेमाल करके छोड़ देते है, यहां यूज एंड थ्रो वाला प्रिंसिपल  लागू होता है जिसे अपनी जुबान में यह भी कह सकते है हवस की आग मिटाना, कोई किसी से सवाल नहीं करता,     ,घर बसाने में, इसलिए ऐसे रिश्तों में प्यार नहीं होता, ये सिर्फ एक जरूरत है, जो एक दूसरे को चाहिए ।

अगर आप को सारी जिंदगी का प्यार और साथ चाहिए तो शादी कीजिए तभी जाकर आपके जिंदगी में बहार आएगा नही तो फ्लावर पॉट में रखा गया फूल के जैसा ही रफ्ता रफ्ता मुरझाती जायेगी और एक दिन वह रिश्ता दम तोड देगी,  मॉडल्स, एक्ट्रेस, एक्टर की जांदगी को देखिए दिखावे के लिए बहुत कुछ है मगर कोई भी अपने  अजदवाजी जिंदगी से खुश है? ना जाने इन लोगो ने कितनी तलाकें दी और फिर डेट भी किया।

जिस्मानी रिश्ते का प्यार ख़त्म होने की एक वजह यह भी है कि कितने मर्द - औरत और लड़के और लड़कियों की मंजिल सिर्फ जिस्म ही होती है, जिस्म मिल जाने के बाद प्यार मुहब्बत का ड्रामा खतम हो जाता है,
उन्हें यह सब मालूम नही होता के सारी जिंदगी सेक्स के सहारे नहीं गुजार सकते है जैसे के आजकल गंदे विडियोज में दिखाया जाता है।

कोई भी रिश्ते को बरकरार रखने के लिए, उसमे काफी मेहनत की जरूरत है जिस्मानी रिश्ते कायम करने से खुशियां नही आती जिंदगी में बल्कि वह कुछ देर के लिए एक मैग्नेट का काम करता है बस कुछ वक्त के लिए मगर आजके अंधे आधुनिक दौर में लोग इसी से अपना रिश्ते का आगाज करते है और खतम भी यही से होता है।

सिर्फ सूरत , पैसा, घर, गाड़ी देख कर किया गया रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चल सकता है, जब हकीकत का सामना होता है तो सारा प्यार, सेक्स, लीव इन और दोस्ती का नशा खतम हो जाता है।
अगर "लीव इन रिलेशनशिप" जैसे रिश्ते सारी जिंदगी चल सकती तो आप पता करे कितने लोगो ने ऐसे रिश्ते सारी जिंदगी निभाई है?
क्या उनका एक दो सालो बाद ब्रेकअप नही हुआ अगर हुआ तो क्यों?

क्योंकि 90% केसेस में लव सव घूमना फिरना एन्जॉय करना बॉयफ़्रेंड के साथ हो जाता है। जिसके चलते लड़के पूरा समय लड़कियों को देते है ना वो कैरियर पर ध्यान देते है ना पढ़ाई पर, उसे लगता है कि लड़की तो मिल ही गयी बाद में पढ़ाई और जॉब तलाश करेंगे।

भरोसा है छोड़कर नही जाएगी फ्यूचर और जॉब बाद में देख लेंगे तनख्वाह कम हुई तो दोनों साथ मे कमाएंगे और आखिर में लड़की ये बोल देती लड़को को -"तुम कमाते नही हो सेटल्ड नही हो शादी के बाद हम रहेंगे कहाँ ? खाएंगे क्या ?

मैं अपने घर वालो को क्या जवाब दूंगी जब वो पूछेंगे की लड़का करता क्या है?

यह लिखने का मकसद किसी को गलत बोलना नहीं है बल्कि हकीकत बताना है के यह मॉडर्न तरीका जितना जल्द परवान चढ़ता है उतना ही जल्द खाक में मिल जाता है। कुदरत का कानून है जितना जल्द उरूज उतना ही जल्द जवाल भी लिहाजा शरीयत के मुताबिक शादी करे और सादगी से जिंदगी गुजारे।

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