Aaj Palestinian ke Sath kaun hai?
एक रिवायत है के अल्लाह के नबी ने फरमाया के उस वक़्त तुम्हारी क्या कैफियत होगी जब तुम्हारे खिलाफ दुनिया की सारी क़ौमे एक दूसरे को ऐसे दावत देगी जैसे खाने के मेज पर दावत दी जाती है? सहाबा ने पूछा क्या उस वक़्त हमारी तादाद कम होने की बिना पर होगा? अल्लाह के नबी ने फरमाया नही बल्कि उस वक्त तुम्हारी तादाद बहुत ज्यादा होगी लेकिन तुम्हारे दिलो मे "वहम" डाल दिया जायेगा। सहाबा ने अर्ज़ किया अल्लाह के नबी "वहम" क्या चीज है? अल्लाह के नबी ने फरमाया "दुनिया से मुहब्बत और जिहाद से नफरत".
ऐ ईमान वालो तुम यहूदियों और नासराणियो को यार व मददगार न बनाओ, ये दोनो खुद ही एकदूसरे के यार ओ मदद गार है। और तुम मे से जो शख्स उनकी दोस्ती का दम भरेगा तो फिर वह उन्ही मे से होगा। यकिनन अल्लाह जालिम लोगो को हिदायत नही देता।
यहूद ओ नसारा एक साथ - फिलिस्तीन को किसका साथ?
मानवाधिकार पर उपदेश देने वाला अमेरिका इस्राएल के आतंक पर खामोश क्यो है?
फिलिस्तीन मे अरब कब से आबाद है?
मुसलमानो का रहबर अहले अरब फिलिस्तिनियो पर हो रहे ज़ुल्म पर खामोश क्यो?
मस्ज़िद ए अकसा से मुसलमानो का क्या ताल्लुक़ है?
फिलिस्तिनियो के लिए जो मुहब्बत और हिमायत यूरोप के ईसाई देशो मे देखने को मिल रहा है, और जिस तरह का समर्थन मिल रहा है वैसा समर्थन ख्वाजा के हिंदुस्तान, काएड ए आज़म के पाकिस्तान, नमनिहाद् खलिफ्तुल् मुस्लेमीन के तुर्किये मे नही मिला। अरबो का तो छोर ही दीजिये, उनके ख़ज़ाने की चाबी फिरंगियों के पास है लिहाज़ा वह अपाहिज हुकमराँ क्या कर सकते है? यूरोप के हुक्मरानो की मिलीभगत इस्राएल के साथ है, लेकिन अवाम फिलिस्तीन के साथ।
अमेरिका का बनाया हुआ UNO फिलिस्तिनियो का हक देने मे नाकाम रहा, अमेरिका से अरबो की दोस्ती फिलिस्तिनियो के खून बहाने पर टिका है।
आज वह 57 मुस्लिम मुमालिक किधर है?
शहादत है मत़लूब मक़सूद मोमिन
ना माले ग़नीमत ना किश्वर कुशाई।
निहायत अहम सवाल।
फिलिस्तीन के मुसलमानो के साथ कौन खडा है?
जवाब आया... पहले खुद के मसाएल तो हल करें, हमारे आसपास बहुत से मजलुम है पहले उसकी बात करे फिर फिलिस्तीन की सोचेंगे?
लेकिन इस्लाम कहता है। मोमिन एक जिस्म की मानिंद है जैसे जिस्म का कोई भी हिस्सा तकलीफ मे होता है तो पुरा जिस्म भी तकलीफ मे होता है। दीन ए इस्लाम मे सरहद की कोई अहमियत नही, मुसलमान दुनिया के किसी भी खितते मे हो वह एक जिस्म है।
फिर सवाल किया गया के मजलुम तो पूरी दुनिया मे है
फिर हम फिलिस्तीन को क्यो अहमियत दे?
बात यहाँ ज़ुल्म के साथ साथ क़ीबला ए अव्वल का है, उस मुकद्दस जगह की है जहाँ से हमारे आखिरी नबी को मेराज का सफर कराया गया।
सबसे पहले उनके दुखो को समझे जहाँ यहूदियों ने उसका पानी, बिजली, खाना, इंटनरेट सबकुछ बंद कर रखा है, दिन रात बॉम्बारी हो रही है, घरों, स्कूलों, अस्पातालो और कॉलेजों पर बॉम्ब गिरा कर तबाह कर दिया, फिलिसीटीनियो के कंधो पर शहीदो के मैय्यत है।
सारी दुनिया मे 5 वक़्त की नमाज होती है। फजर, ज़ोहर, अशर, मगरिब् और ईशा लेकिन ग़ज़ा के लोग इसके साथ साथ जनाज़े की भी नमाज पढ़ते है।
जहाँ एक जनाज़े को क़ब्रिस्तान तक पहुचाने मे कितने जनाज़े की जरूरत होती है।
वे हमारे जिस्म के टुकड़े है जो अभी सबसे जयादा दुनिया मे ज़ुल्म सह रहे है.. वे हमारे बच्चे है जिनके माँ बाप शहीद हो चुके है और उनके मैय्यत पर भूखे प्यासे रोये जा रहे है.. उनको कोई दिलासा देने वाला नही, उनको आज चुप कराने वाला कोई नही, जो जिंदा है उनके पास खाने के लिए कुछ नही और जो शहीद हो गए उनको कंधा देने वाला कोई नही।
वह हमारी बा हया पर्दा दार बच्चिया है जिनकी इज़्ज़ते महफूज नही, यहूद ओ नसारा उनके जिस्मो से खेल रहे है। क्या आपको गैरत नही आती?
आने वाली नस्लें ये तारीख याद रखेगी एक वक़्त था जब मुसलमान इतने बेगैरत हो गए थे के मजलुम मुसलमान भाई बहन चींख रहे थे। मर्द शहीद हो रहे थे, बच्चो को बॉम्बारी करके नस्ल क्शी की जा रही थी, पर्दा दार औरतों को बे पर्दा किया जा रहा था, जवान लड़कियो की इज़्ज़त लूटी जा रही थी लेकिन 57 मुमालिक होते हुए कोई मदद के लिए नही आया।
जो शहीद हुए वह जन्नत मे जायेंगे, लेकिन तुम किस शकल को लेकर जन्नत मे जाओगे।
जज़्बाती और जल्दबाजी मे कोई कदम नही उठाये,आज के मुसलमानो से सब्र नही होती वे जज़्बात मे बहक जाते है तैयारी मुश्किल लगती है।
अल्लाह किसी शख्स को उसकी ताक़त से ज्यादा ज़िम्मेदारी नही सौंपता
हुकमरानो पर दबाओ डालें के वह कुछ करें, क्योंके हुकुमती सतह पर ही कारवाई किये जा सकते है
माली (आर्थिक) मदद करे लेकिन पहले तहकिक कर लें के वह एदारा फर्जी न हो, क्योंके पैसे के लालची, दयुस्, पुजारियो को एहसास नही होता के यह मजलुमो का पैसा है।
लोगो को आगाह करे, इसकी खबर दूसरे भाईयो तक पहुचाये, पैसे से मदद करने की सलाहियात् हर किसी की नही होती लिहाजा जबरदस्ती नही करे, और तरीके भी है मदद करने के।
सोशल मीडिया पर एक अंदाज़ से लोगो को आगाह करे, एहसास ए उम्मत पैदा करे। सिर्फ सोशल मीडिया ही नही, मस्ज़िदों मे इमाम से दुआ करने को कहे, मदरसो मे उलेमा को इसकी इत्तला करे ताकि वह लोग मजलुमो के लिए दुआ कर सके।
दोस्तो, रिश्तेदारों, फैमिली मे इस पर बहस करे, अगर आप की बातो पर कोई ध्यान नही दे रहा है तो सवाल करे बड़ों से के फिलिस्तीन के लिए हम क्या कर सकते है?
दुसरो से सवाल करे, उनको यह बुरी बात भी नही लगेगी और इस तरह ऐसे मौजू पर गुफ्तगु भी हो जाती है।
बच्चो से भी इस पर चर्चा करे, उनके जेहन मे डाले , उनको क़िस्से कहानियों की तरह तारीख बताये। ताकि उनके जेहन मे अभी से दिलचस्पी बढे इसके बारे मे जानंने की।
यहूद व नसारा के बनाये हुए सामान् का बॉयकॉट करे, आज इस्राएल के साथ पुरा नसरानी खडा है, वह इसलिए के हम उम्मत ए मुहम्मदिया है। यहूदियों पर सबसे ज्यादा ज़ुल्म हुआ तो वह ईसाइयों ने किया यूरोप मे, लेकिन आज मुसलमानो के खिलाफ दोनो एक साथ है, स्पेन के 800 सालों की मुसलमानो की हुकूमत यहूदियों की वज़ह से ही खत्म हुई।
ट्विटेर का मालिक एलन मुस्क ने इस्राएल का साथ देते हुए वहां फ्री ऑफ कोस्ट सर्विस देने की बात कही है।
खाना पहुचाने वाली कंपनिया Mac Donald यहूदियों को फ्री मे खाना खिलाने का एलान किया है, जबकि इसकी जरूरत फिलिस्तीन के लोगो को थी लेकिन उसने यहूदियों का साथ दिया, आज गजा के लोग खाने खाने को मोहताज है।
युक्रेन के मामले मे ईसाई सोशल मीडिया ने एलान किया था के जो कोई भी रूस के खिलाफ जंग के लिए उक्सायेगा उसको फेसबुक बढ़ावा देगा, लेकिन आज इजरायली आतंकियो के हमले पर फिलिस्तिनियो के हक की आवाज़ उठाने वालो की id ब्लॉक कर रहा है, आपको रोका जा रहा है ग़ज़ा के लोगो के उपर यहूदियों के होते ज़ुल्मो को दुनिया के सामने रखने पर।
आपको ब्लॉक कर दिया जा रहा है फिलिस्तीन के दुआ करने पर।
जितनी भी कंपनिया Google, Facebook, Twitter, Instagram, YouTube, etc ये सब ईसाइयों की है और अमेरिकन कंपनी है, अमेरिका के साथ साथ पुरा ईसाई मुमालिक यहूदियों के साथ है मुसलमानो के क़त्ल ए आम मे शामिल। ये कंपनिया इंफोर्मेशन वार कर रही है, इस्राएल को ये कंपनिया और वेस्टर्न मीडिया मजलुम साबित करने मे लगी है।
ईसाइयों की मीडिया, ईसाइयों की यूनियन EU, ईसाइयों का बनाया हुआ ग्लोबल ऑर्डर (UN) आज सब इस्राएल की मुखबिरी कर रहा है। ये यहूदियों की प्रोपगैंडा न्यूज़ को फैला रहा है।
जज़्बाती नारे कभी न लगाए ।
इजरायली कंपनी का हमेशा के लिए बॉयकॉट करे, पहले उसके प्रोडक्ट की तहकिक कर ले।
सालों तक मुस्लिम विरोधी / इस्लाम मुखलिफ् आंदोलनों को सरकारी समर्थन देना अमेरिका, UK, Israel दूसरे यहूद व नसारा की ज़िंदगी का हिस्सा रहा है.
इस क़त्ल ए आम मे कौन इस्राएल का साथ दे रहा है?
जितना फिलिस्तिनियो के खून का ज़िम्मेदार आतंकी इस्राएल और ईसाई देश है उतना ही ज़िम्मेदार UAE जैसे अरब मुमालिक है, #Palestenian को मारने के लिए अमेरिका ने जो हथियार भेजे है वह UAE के बंदरगाह पर उतरा वहाँ से दहशतगर्द यहूदियों के यहाँ जायेगा। अहले अरब ने फिलिस्तीन के खून का सौदा अपनी हुकुमत और पैसे से कर लिया है।
इजरायली नरसंहार को ईसाई देशों का समर्थन हासिल है, अमेरिका के सेनाटर् इस क़तलेआम को "Holly war" बता रहा है, वह इसे इस्लाम और मुसलमानो के खिलाफ क्रुशेड कहता है लेकिन तथाकथित इंसानी हुकूक और लोकतन्त्र का रक्षक इसपर न सिर्फ खामोश है बल्कि इसका साथ भी दे रहा है। क्या कोई इसे यहूदि आतँकवाद या ईसाई आतँकवाद कह सकता है?
मुसलमानो के खिलाफ पहले इंग्लैंड अब अमेरिका और उसका बनाया हुआ UNO काम करता रहा है।
इस्राएल और ईसाइयों का प्रोपगैंडा वार।
इस्राएल फिलिस्तीन के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाने मे बहुत माहिर है, वो नरसंहार करने से पहले "प्रोपगैंडा वार" करता जिसका साथ यूरोप से लेकर एशिया तक के Columnist, Reporter, Anchor, Actor, Artist aur Leader, Speaker,Scholar देते है। इसलिए किसी भी वीडियो को देख कर अपनी राय न बनाये।
जब वेस्ट के मीडिया का झूठा प्रोपगैंडा पकडा गया तो ईसाई देश के नेता और राजनेता खुद इस्राएल का मुखपत्र बन कर एजेंडे के तहत तैयार किया गया अफवाह फैला रहा है, इसमे हिंदी मीडिया और नामनिहाद् सेकुलR, लिब्रल्स रिपोर्टर शामिल है।
आखिर अमेरिका को इतना डर किससे है के खुद झूठा प्रचार कर रहा है ।
प्रोपगैंडा न्यूज़ फैलाने मे यूरोप पुराना खिलाडी है
मुसलमानो के खिलाफ।
जिस तरह इस्राएल 1948 से मुसलमानों पर बॉम्बारी कर रहा है उस पर आजतक UNO ने चिंता ज़ाहिर नही किया, मनवाधिकार पर भाषण देने वाला, लोकतन्त्र की गुजार लगाने वाला ब्रिटेन अमेरिका फिलिस्तीन मे क़त्ल ए आम पर क्यो खामोश हो जाता है।
ये सलेबी मुल्को का उसूल की बुनियाद ही मुसलमानो के खून बहाने पर है।
अहले अरब ईसाई मुल्को के गोद मे जाकर बैठा है, अरब के बादशाह कोई खुदमुख्तार बादशाह नही है बल्कि वो अमेरिका का बैठाया हुआ गोवर्नोर है, जो अपने हुकमराँ के इशारे पर, हुकूमत के फरमान पर काम करता है।
57 मुस्लिम मुमालिक मे से अवाम फिलिस्तिनियो के साथ है, लेकिन मुस्लिम हुकमरां इजरायली एजेंटो के साथ है जो छुप छुप कर मुनाफीको के जैसा काम कर रहा है।
मुसलमान अपने हुकूमत से मुतालबा करे, सऊदी अरब, इराक, लीबिया, UAE तेल पैदा करने वाले कतर गैस निकालने वाले मुल्क है। लेकिन ये फिलिस्तिनियो के खून के भी प्यासे है। अरबो के पास अपना फौज नही है, वे ईसाइयों के फौज को अपना मुहाफ़िज़ बनाये हुए है। इस तरह से वे फिलिस्तिनियो की मदद करने के बजाए अमेरिका से अपनी हुकुमत के बदले फिलिस्तिनियो के खून का सौदा किये हुए है।
अगर वे चाहते तो आल्मी मार्केट मे तेल और गैस की सप्लाई को बन्द कर सकते थे, जिससे दुनिया जल्द से जल्द इस्राएल के आतंक को खत्म करने की कोशिश शुरू करती।
इस्राएल सिर्फ ग़ज़ा पर बॉम्बारी नही कर रहा है बल्कि वह ग़ज़ा और पूरे फिलिस्तीन को दुनिया के नक्शे से मिटाने की कोशिश कर रहा है।
अरबो ने अपनी सियासत का मरकज़ अमेरिका बना रखा है, जिसे दुनिया की दूसरी कुव्वते चीन व रूस इससे अलग है। जब भी फिलिस्तीन का मामला हुआ ईसाइयों ने आतंकी इस्राएल का साथ दिया। फिलिस्तिनियो पर बॉम्ब गिराने वाला IDF को आज तक अमेरिका ने दहशत गर्द तस्लीम क्यों नही किया?
फिलिस्तिनियो का साथ कभी यूरोप ने नही दिया, जब जब अरबो ने इस्राएल से और अमेरिका से करीबी बढ़ाया अरबो को नुकसान ही हुआ है। अरबो को चाहिए के ईसाइयों और यहूदियों के मुल्क से रिश्ते खत्म कर लें।
आज अमेरिका का दोस्त सऊदी अरब, क़तर, तुर्किये, पाकिस्तान, UAE, बहरीन, जोर्डन, ओमान जैसे मुस्लिम देश है लेकिन ये ईसाई मुल्क इस्राएल के साथ खडा है। ये मुल्को को अमेरिका से हटकर चीन से रिश्ते बनाना चाहिए। जिस वक़्त इस्राएल ग़ज़ा के लोगो पे सफेद फॉस्फोरस गिरा रहा है जिसे UN ने पाबंदी लगाया हुआ है उस वक़्त अमेरिका मनवाधिकार और प्रेस की आज़ादी भूल कर इस्राएल को हथियार और पैसे दे रहा है फिलिसितनियो को खत्म करने के लिए।
यह अमेरिका का बनाया हुआ वर्ल्ड ऑर्डर आज तक फिलिस्तिनियो को उनका हक दिलाने मे नाकाम रहा क्योंके यह ग्लोबल ऑर्डर नही Zewish ऑर्डर है।
हमे तो अपनो ने लूटा गैरो मे कहाँ दम था
मेरी कश्ती थी वहाँ डूबी जहाँ पानी कम था।
ऐ अबाबिल् को भेज कर खाना ए काबा की हीफाजत करने वाले अल्लाह, फरिशतो को नंगी तलवार देकर बद्र के मैदान मे उतारने वाले रब, मूसा को फ़िरौन के यहाँ पालने वाले मालिक, युसुफ को कुवें से निकालने वाले खालिक, ईसा को जिंदा आसमान पर उठाने वाले करीम, इब्राहिम को आग से बचाने वाले रहमान, युनुस को मछली के पेट से निकालने वाले रहीम फिलिस्तीन के मजलुमो, मुज़हदिनो, माओं, बहनो, की मदद फरमा। या अल्लाह तेरे लश्कर बहुत सारे है अपने किसी लश्कर को भेज कर मस्ज़िद ए अक्सा की हीफाजत फरमा और दुश्मनो को नेसत् व नाबूद कर दे, उसे तबाह कर दे। आमीन