जानिए क्यों तमिलनाडु के 8 दलित परिवारों ने इस्लाम धर्म अपना लिया।
आज कल एक खबर बहुत ही जोर शोर से फैलाई जा रही है के भारत के दक्षिण राज्य तमिलनाडु में आठ दलित परिवारों ने इस्लाम मजहब कुबूल कर लिया है।
यह उस वक्त हो रहा है जब हिंदुस्तान में कर्नाटक के यूनिवर्सिटीज में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दिया गया है। कॉलेज के प्रशासन (इंतजामिया) ने यह खबर दी के शिक्षण संस्थानों में कोई भी मुस्लिम लड़की हिजाब या नकाब लगाकर नही आ सकती।
यह खबर आते ही मुस्लिम लड़कियां गुस्से में आ गई और उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने की बात की। सभी मुस्लिम छात्राओं ने हिजाब के लिए प्रदर्शन भी किए। इस छात्राओं में मुस्कान खान का नाम सबसे ऊपर है जिन्होंने कुछ असामाजिक तत्वों का खुलेआम विरोध किया।
अब इस तरह तमिलनाडु में दलित परिवार के इस्लाम धर्म अपनाने की खबर भी आ गई है।
दक्षिणी तमिलनाडु के थेनी में आठ दलित परिवारों के चालीस लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया है।
थेनी जिले के बोदिनायकनूर शहर के डोंबिचेरी गांव में कुछ दिन पहले इन दलित परिवार के लोगो ने दीन ए इस्लाम अपनाया, इस्लामिक विद्वानों ने उन्हें इस्लाम की शिक्षा दी और इस्लाम धर्म में कलमा पढ़ाकर उन्हें मुसलमान बनाया।
खास बात यह है के बोदिनायकनूर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता ओ पनीरसेल्वम का निर्वाचन क्षेत्र है। मुसलमान बनने वाले लोगो ने कहा कि उन पर ऊंची जाति के हिंदुओं द्वारा लगातार हमला किया गया, जो उन्हें निचली जाति की स्थिति का हवाला देते हुए स्थानीय रेस्तरां और रास्ते में चाय की दुकानों से चाय या कॉफी पीने की अनुमति नहीं देते हैं।
उन्हें हर तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्हें एक इंसान से हटकर किसी अलग मखलूक के जैसा समझा जाता था। उन लोगो के जुल्म वो ज्यादती भी की जाती थी।
इन लोगो का यह भी कहना है के उन्हें बड़े जाती के लोग पिटा करते थे, उनकी लड़कियों के साथ बदतमीजी की जाती थी। दलित लड़कियों को छेड़े जाते थे।
उन दलित बहनों का कहना है के उनपर स्वर्ण जाती के लोग गंदे कॉमेंट्स और इशारे करते थे।
रहीमा जो पहले हिंदू दलित लड़की थी उनका पहले विरालक्ष्मी नाम था।
उनका कहना है के "उन्हें पहले पिटा जाता था, उनकी पहले बेइज्जती की जाती थी, उन्हें छेड़ा जाता था, उन्हें गालियां दी जाती थी"। उन्होंने यह भी बताया के दलित लोगो को उन गलियों में चलने भी नही दिया जाता था जिन गलियों में ऊंची जाति के लोग रहते थे। हमारे मां बाप और दादा दादी को इस तरह का अपमान सहना पड़ा इसलिए हमलोगो ने फैसला किया के अब बहुत हो गया। अब हम मुसलमान है और यहां कोई इस तरह का भेदभाव नहीं है।
धर्म बदलने वाले लोगो ने बताया के उनपर हमेशा नियमित रूप से ऊंची जाति के लोग हमले किया करते थे और हर छह महीने पर डोंबुचेरी गांव में दलितों के खिलाफ हिंसा की कोई न कोई घटना सामने आती है।
रहीमा के पति मोहम्मद इस्माइल, जो पहले कलाइकनन थे उन्होंने बताया के पिछले साल 2021 में दिवाली के मौके पर ऊंची जाति के लोगो ने उनकी पिटाई की, इसी घटना के बाद उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने का फैसला कर लिया था।
उन्होंने बताया के उन्हें मोटरसाईकिल खरीदने की वजह से बुरी तरह से पीटा गया । मोहम्मद इस्माइल ने आगे बताया के तमिलनाडु में दलित परिवार बहुत मुसीबत में जिंदगी जी रहे है।
एक और दलित शख्स मोहम्मद अली जिन्ना जो 15 साल पहले दलित हिंदू थे उन्होंने बताया के इस्लाम धर्म अपनाने की वजह कुछ और नहीं बल्कि स्वर्ण जातियों का अत्याचार है। उन्होंने कहा के जब मैने इस्लाम धर्म अपना लिया तब से मैं ऊंची जातियों के अत्याचार से बचा हो। आज मैं जिस सड़क पर खड़ा हूं पंद्रह साल पहले उसपर चलने की इजाजत मुझे नहीं थी।
इन्ही सारी वजहों से मैंने हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपना लिया.
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