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Iman yani Vishwas 234 (Quran wikipedia 382)

Quran Majeed Wikipedia part 382
Gadhe (ass) Ki Misal Quran me kin logo ke liye diya gaya hai?
Iman yani Vishwas 234
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*_❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀_*

भाग-382         तारीख़:24/06/2020

    *★☆★☆ईमान यानी विश्वास-234★★☆★*

*_★गधा-2★_*

क़ुरआन में गधे का बयान सवारी के रूप में किया गया है !

*_घोड़े और खच्चर और गधे भी पैदा किए, ताकि तुम उस पर सवार हो और वे तुम्हारी शोभा का कारण भी बने ! और वह उसे भी पैदा करता है जिसे तुम नही जानते !_* 【सूरा-16,अन-नहल,आयत-8】

क़ुरआन में गधे का दूसरे अर्थो में प्रयोग--

*1.* _उन लोगों की उपमा गधे से दी गई है जिनको 'तौरात' दी गई परन्तु उन्होंने उसपर अमल नहीं किया !_

*_जिन लोगों पर तौरात का बोझ डाला गया, किन्तु उन्होंने उसे न उठाया, उनकी मिसाल उस गधे की-सी है जो किताबें लादे हुए हो ! बहुत ही बुरी मिसाल है उन लोगों की जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठला दिया ! अल्लाह ज़ालिमों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता !_*

【देखिए : सूरा-62, अल-जुमुआ, आयत-5】

*2.* _गधे की आवाज़ कि उपमा सबसे बुरी आवाज़ से दी गई है !_

*_अपनी आवाज़ धीमी रख ! निस्संदेह आवाज़ों में सबसे बुरी आवाज़ गधों की आवाज़ होती है !_*  【देखिए : सूरा-31, लुकमान, आयत-19】

अपराधियों को जब नसीहत की जाती है तो ऐसे बिदकते हैं जैसे गधा शेर को देखकर बिदकता है !

*_आख़िर उन्हें क्या हुआ है कि वे नसीहत से घबराते हैं, मानो वे बिदके हुए गधे हैं जो शेर से (डरकर) भागे हैं !_* 【सूरा-74, अल-मुद्दस्सिर, आयतें-49-51】

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 232 (Quran wikipedia 380)

Islam me Gussa karna kaisa gunah hai?
Quran Majeed ki Encyclopedia Part 380
Iman yani Vishwas quran wikipedia
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-380         तारीख़:22/06/2020
             ईमान यानी विश्वास-232

*_★गुस्सा★_*

कुरआन में इसके लिए 'ग़ज़ब' शब्द का प्रयोग हुआ है ! इसका अर्थ कोप, प्रकोप, क्रोध, फटकार इत्यादि होता है ! इसमें अल्लाह का 'ग़ज़ब' भी शामिल है और मनुष्यों का भी ! अल्लाह का 'गज़ब मनुष्यों के सुधार के लिए प्रयुक्त हुआ है !
【देखिए : सूरा-48, अल-फतह, आयत-60; सूरा-6, अल-मुम्तहिना, आयत-13; सूरा-24, अन-नूर, आयत-9】

परन्तु मनुष्यों में 'ग़ज़ब' का होना शिष्टाचार के विरुद्ध है !

इसलिए ऐसे मनुष्य की प्रशंसा की गई है,जो गुस्सा पी जाता हो ! 【सूरा-3 आले इमरान- आयत-134】

सही हदीसो में बलवान उस व्यक्ति को कहा गया है जो गुस्से की दशा में अपने आप को संभाले तथा अपने ऊपर पूरा नियंत्रण रखें !
(देखिए:बुखारी,6114 तथा मुस्लिम,2609)

_इसी प्रकार एक सही हदीस में आया है कि एक व्यक्ति नबी सल्ल० से निवेदन किया कि मुझे कोई उपदेश दे ! आप सल्ल० ने कहा, "गुस्सा मत किया करो !" उस व्यक्ति ने दोबारा निवेदन किया ! आप सल्ल० ने उसे वही उपदेश दिया ! इस प्रकार उसने कई बार निवेदन किया और आप सल्ल० उसको यही कहते रहे कि गुस्सा मत किया करो !_ [देखिए:सहीह बुखारी,6116]

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 228, (Quran wikipedia 376)

Islam me Gulam ko Aazad karna kitna bara Sawab samjha gaya hai?
Quran Majeed Encyclopedia
Gulam banane ke bare me Islam kya kahta hai?
Imaan yani Vishwas 228, Quran Wikipedia 376
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❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀

भाग-376      तारीख़:18/06/2020

★☆★☆ईमान यानी विश्वास-228★★☆★

*_★गुलाम-2★_*

*3.* चोरी करते हुए पकड़े जाने की दशा में गुलाम बना लेना !

*4.* युद्ध में पकड़े जाने वाले कैदियों को गुलाम बना लेना और विजयी सेना में बाँट देना !

*5.* व्यापार करनेवाले निर्धन देश के लोगों को पकड़कर धनवान देश के लोगों के हाथ बेच देना जैसे अफरीक़ा के वासियों को यूरोप तथा अमेरीका में बेचा गया ! आज भी सिंगाल में वह जगह सुरक्षित है जहाँ यूरोप के जहाज़ खड़े होते थे और लोगों को बन्दूक की नोक पर भगाते हुए लाया जाता था और जब जहाज़ भर जाता तो उनको यूरोप के बाजारों में बेच दिया जाता था और वे सदैव के लिए गुलाम बना लिए जाते थे !

इसमें प्रथम तीन तरीकों का वर्णन तो बाइबल में भी आया है, परन्तु इन कारणों से केवल गैर-यहूदियों को गुलाम बनाया जाता था, यहूदियों को नहीं !
(देखें : बाइबल, लैव्यव्यवस्था 25:39-43 तधा निर्गमन 21:7, 22:1-3)

परन्तु इस्लाम ने इन तमाम नियमों को निरस्त कर दिया, किसी स्वतंत्र व्यक्ति को किसी भी कारण बेचने को महापाप बताया और भिन्न-भिन्न तरीकों से गुलाम को स्वतंत्र करने की शिक्षा दी ! उनमें से कुछ ये हैं जिनका वर्णन कुरआन और हदीसों में आया है-

*1.* _अगर किसी ने ग़लती से किसी मुसलमान को क़त्ल कर दिया तो उसे चाहिए कि खूनबिहा के साथ-साथ एक गुलाम भी स्वतंत्र करे !_
【सूरा-4, अन-निसा, आयत-92】

*2.* _ज़िहार का कफ़्फ़ारा यह है कि एक गुलाम आज़ाद किया जाए !_ 
【सूरा-58, अल-मुजादला, आयत-3】

*3.* _कसम का कफ्फ़ारा यह है कि एक गुलाम आज़ाद करे !_
(सूरा-5, अल-माइदा, आयत-89)

*4.* _पुण्य कर्म के लिए गुलाम स्वतंत्र करना ! कुरआन ने जिसको अकबा (घाटी) का नाम दिया है, क्योंकि पुण्य कर्म मनोकामनाओं के विरुद्ध करना पड़ता है और शैतान विभिन्न प्रकार से संदेहों में डालता रहता है !_
【सूरा-90, अल-बलद, आयतें-11,12】

*5.* _अगर सूर्य-ग्रहण या चाँद-ग्रहण लग जाए तो गुलाम आज़ाद करना चाहिए जैसा कि नबी सल्ल० किया करते थे !_ (सहीह बुखारी : 2519)

*6.* _जो व्यक्ति किसी मुसलममान गुलाम को स्वतंत्र करेगा अल्लाह उसके एक-एक अंग को नरक की आग से स्वतंत्र कर देगा !_
(बुखारी 2517 तथा मुस्लिम 1509)

*7.*  _जिसके पास कोई लौंडी (गुलाम लड़की) हो और उसने उसे अच्छी तरह पाला फिर उससे विवाह कर लिया उसके लिए (अल्लाह के पास) दोहरा सवाब (पुण्य) है !_ (सहीह बुखारी 2544)

*8.* _सहीह हदीसों में आता है कि अगर कोई व्यक्ति रमज़ान में अपनी पत्नी से दिन में संभोग (Intercourse) कर ले तो उसे चाहिए कि एक गुलाम स्वतंत्र करे !_ (दे. कफ़्फ़ारा)

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 226, (Quran wikipedia 374)

Gulam Kyu banaya jata hai tha aur gulam kaun banta tha?
Gulam ke bare me islam kya kahta hai?
Quran Majeed Encyclopedia
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भाग-374         तारीख़:16/06/2020

☆ईमान यानी विश्वास-226★
*_★गन्दना★_*

_गन्दना यह एक प्रकार की भाजी है, जो प्याज़ के पत्तों की तरह होती है और अरब देशों में इसको और खाने के साथ कच्चा खाते हैं ! अरब देशों में यह बहुत उगता है जिसको "कुर्रात कहते हैं ! चूंकि इसको खाने के बाद खानेवाले के मुँह से दुर्गन्ध आती है इसलिए इसको खाने के बाद मस्जिद में जाने से मना किया गया है ! इसका वर्णन कुरआन में तो नहीं है ! परन्तु सहीह हदीसों में आता है !_

            *_★ग़ुलाम★_*

गुलाम का प्रयोग कुरआन में केवल बालक के लिए हुआ है !
(देखेः सूरा-3, आले-इमरान, आयत-40,सूरा-12, यूसुफ, आयत-19, सूरा-18,अल-कहफ, आयत-80; सूरा-19, मरियम,7 !

गुलाम का बहुवचन है 'गिलमान' ! जन्नत में रहनेवालों को जो नेमतें मिलेंगी उनमें 'गिलमान भी होंगे ! अर्थात् बालक उनकी सेवा करेंगे जो छिपाए हुए मोतियों की तरह चमक रहे होंगे ! (सुरा-52 अत-तूर, आयत-24)

हिन्दुस्तानी भाषाओं में गुलाम दास के अर्थ में प्रयोग होता है जिसको अरबी भाषा में 'अब्द' कहते हैं ! और अब्द' का प्रयोग कुरआन तथा हदीसों में स्वतंत्र मनुष्य' तथा दास दोनों के लिए आया है। जैसे- *_निश्चय ही इसमें हर उस अब्द के लिए निशानी है जो (अल्लाह की ओर) रुजू करनेवाला है !_*
【सूरा-34, सबा, आवत-9】

नूह अलैहिस्सलाम के विषय में कहा गया-

*_निश्चय ही वह एक कृतज्ञ अब्द (बन्दा) था !_*  【सूरा-17, बनी-इसराईल, आयत-3】

नबी सल्ल० को भी अब्द अर्थात बन्दा कहा गया है !

*_क्या तुमने देखा नहीं उस व्यक्ति को जो एक बन्दे को रोकता है जब वह नमाज़ पढ़ता है !_*  
【सूरा-96, अल-अलक, आयतें-9,10】

यह संकेत इस्लाम-विरोधियों के सरदार अबू-लहब की ओर है जो नबी सल्ल० को नमाज़ पढ़ने से रोका करता था !

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 233 (Quran wikipedia 381)

Quran Majeed ki Encyclopedia
Gadha kaisa Janwar hai aur iske bare me Islam kya kahta hai?
Aap Sallahu Alaihe Wasallam ke Gadhe ka nam kya tha?
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया

भाग-381         तारीख़:23/06/2020
    *ईमान यानी विश्वास-233*
★गधा★

गधा एक पालतू पशु है ! इसमें दो बातें विशेष रूप से पाई जाती है-

एक तो यह कि इसपर जितना भी सामान लादा जाए यह सब्र करता है !

दूसरे यह कि यह अत्यंत मंद बुद्धि वाला पशु होता है ! इसलिए इससे मंदबुद्धि की मिसाल दी जाती है !

गधे दो प्रकार के होते है-

*1.* जंगली: _जंगली गधे को अरबी में "वहशी" कहा जाता है ! इसका मांस हलाल है !_

*2.* घरेलू: _घरेलू या पालतू गधे को हिमार कहते है ! इसका मांस खाना मना है !_

प्राचीनकाल से गधे का प्रयोग विभिन्न कामो में किया जाता है ! इब्राहिम अलैहिस्सलाम से लेकर नबी सल्ल० तक सभी नबियों ने सवारी के रूप में इसका प्रयोग किया और आज भी बहुत सी जगहों पर लोग इसका प्रयोग सवारी के रूप में करते है !

*_इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने गधे की सवारी की ! (देखिए:बाइबल उत्तपत्ति,22:3)_*

*_याक़ूब अलैहिस्सलाम के पास बहुत से गधे थे ! (देखिए बायबल उतत्पत्ति:3043)_*

*_ईसा अलैहिस्सलाम गधे पर सवार होकर यरुसलम में प्रविष्ट हुए ! (देखिए बाइबल,मत्ती 22:5:7)_*

*_नबी सल्ल० भी गधे पर सवारी किया करते थे ! आप सल्ल० के गधे का नाम "उफैर" था ! आप सल्ल० के एक गधे का नाम "याफुर" था ! जिसे "फरवा बिन-अम्र जुज़ामी ने भेंट किया था !_*

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 227 (Quran wikipedia 375)

Gulam Kaise Banaya jata tha?
Islam Gulam banane ke bare me kya kahta hai?
Gulam kaun hota tha aur usse kaisa Suluk kiya jata tha?
Quran Majeed Encyclopedia
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❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀
भाग-375         तारीख़:17/06/2020
    *★☆★☆ईमान यानी विश्वास-227★★☆★*
*_★गुलाम★_*

अब्द का दूसरा अर्थ दास या हिन्दुस्तानी भाषा में गुलाम के हैं ! जैसे कि कुरआन में है -

*_ऐ ईमानवालो, मारे गए लोगों के बारे में किसास अनिवार्य ठहराया गया है ! स्वतंत्र का बदला स्वतंत्र, अब्द (गुलाम) का बदला अब्द (गुलाम), स्त्री का बदला स्त्री... !_*  
【सूरा-2,अल-बकरा, आयत-178】

*_मुशरिक पुरुषों से (अपनी स्त्रियों) का विवाह न करो जब तक कि वे ईमान न लाएँ ! ईमानवाला एक अब्द एक मुशरिक पुरुष से अच्छा है चाहे वह तुम्हें कितना ही अच्छा लगे !_*  
【सूरा-2, अल-बकरा, आयत-221】

अब यह प्रश्न उठता है कि ये गुलाम कैसे बनाए जाते थे ?
प्राचीन इतिहास से पता चलता है कि गुलाम बनाने का सर्वप्रथम चलन मसीह से शुरू हुआ ! इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं -

1. निर्धन होने के कारण क़र्ज़ न चुकाने की दशा में अपने आपको कुछ समय के लिए बेच देना !

2. निर्धन होने के कारण अपनी पुत्री या पुत्र को सदैव के लिए बेच देना !

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 231 (Quran wikipedia 379)

Geebat Kaisa Gunah hai, Iske bare me islam kya kahta hai?
Kisi ki burai karna aur use haqeer samajhna kaisa gunah hai?
Imaan matlab Yakin Viswas 231
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❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀

भाग-379         तारीख़:21/06/2020

    *★☆★☆ईमान यानी विश्वास-231★★☆★*

*_★गीबत★_*
गीबत का अर्थ किसी की पीठ पीछे निन्दा करना है ! यह एक सामाजिक बिगाड़ और रोग है,जिसकी इस्लाम में कठोर शब्दों में निन्दा की गई है ! कुरआन में है-

*_ऐ ईमान लाने वालो ! बहुत से गुमानों से बचो, क्योंकि कतिपय गुमान गुनाह होते हैं। और न टोह में पड़ो और न तुम में से कोई किसी की पीठ पीछे निन्दा करे - क्या तुम में से कोई इसको पसन्द करेगा कि वह मरे हुए भाई का मांस खाए? वह तो तुम्हें अप्रिय होगी ही। - और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह तौबा क़बूल करने वाला, अत्यन्त दयावान है !_*

【सूरा-49, अल-हुजुरात, आयत-12 】

_किसी की पीठ पीछे निन्दा करने में वैसे ही मज़ा आता है जैसे मांस खाने में, परन्तु अगर वह मांस किसी मुर्दे का हो विशेष रूप से अपने सगे मरे हुए भाई का तो जो घृणा इस मांस के खाने में होगी वहीं घृणा पीठ पीछे निन्दा करने में होनी चाहिए ! अब ग़ीबत करनेवाला स्वयं निणर्य कर ले कि क्या वह लोगों की पीठ पीछे निन्दा करके अपने मुर्दा भाई का मांस खाना पसन्द करेगा ? यहाँ पीठ पीछे निन्दा करने की उपमा मरे हुए भाई का मांस खाने से इस लिए दी गई कि जिस प्रकार मृत भाई अपने बचाव में कुछ नहीं कर सकता उसी प्रकार, जिसकी ग़ीबत की जा रही है वह कुछ नहीं कर सकता !_

_यह तो उस अवस्था में है जब वह बुराई, जो पीठ पीछे की जा रही है, उसमें पाई जा रही हो और अगर उसकी निन्दा किसी ऐसी बुराई के बारे में की जाए जो उसमें पाई ही न जाती हो, तो यह तोहमत (मिथ्यारोपण) कहलाता है, जो ग़ीबत से भी अधिक बड़ा पाप है !_

कुरआन जहाँ मनुष्यों को ग़ीबत जैसी सामाजिक बुराई से रोकता है, वहीं उन्हें पारस्परिक प्रेम-भावना की शिक्षा भी देता है-

*_पुण्य कर्मों और तक़वा (ईस-परायणता) में एक दूसरे की सहायता करते रहो,पाप तथा अत्याचार में सहायता न करो,अल्लाह से डरते रहो ! निश्चय ही अल्लाह कठिन यातना देने वाला है !_* 【सूरा-5, अल-माइदा, आयत-2】

आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 237 (Quran wikipedia 385)

Ghamand karne wala Shakhs Kaisa hai?
Quran wikipedia part 385
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-385         तारीख़:27/06/2020

   ईमान यानी विश्वास-237
*_★घमंडी-2★_*

एक सहीह हदीस में आया है कि साद-बिन-अबी वक्कास कहते हैं-

*_'मैंने धरती पर चलनेवाले किसी व्यक्ति के विषय में यह नहीं सुना कि नबी सल्ल० उसको जन्नती कहते हों सिवाय अब्दुल्लाह-बिन-सलाम' के !_*

इन्हीं के विषय में कुरआन की सूरा-43, अल-अहक़ाफ़ की यह आयत उतरी ! (देखिए : बुखारी,3812 तथा मुस्लिम:2483】

अल्लाह ने घमंडियों की घोर निन्दा की है !

_सबसे पहला घमंडी तो 'इबलीस' था, जिसको अल्लाह ने फ़रिश्तों के साथ आदम के आगे झुकने का आदेश दिया, उसके अतिरिक्त सब झुक गए ! उसने झुकने से इनकार कर दिया और घमंड किया और वह अवज्ञाकारियों में हो गया !_ 【सूरा-2, अल-बक़रा, आयत-34】

और इसी घमंड के कारण उसको अपमानित करके स्वर्ग से धरती पर भेज दिया गया ! 【कुरआन,सूरा-7, अल-आराफ़, आयत-13】

अर्थात् घमंड करनेवाले जहाँ भी होंगे अपमानित ही होंगे ! उच्च श्रेणी के अधिकारी तो वे लोग होंगे जो अल्लाह के लिए विनम्रता ग्रहण करेंगे, जिसकी पुष्टि सहीह हदीस से भी होती है -

_जो अल्लाह के लिए विनम्रता ग्रहण करेगा अल्लाह उसको ऊँचा दरजा प्रदान करेगा !_  [सहीह मुस्लिम, 2588]

एक दूसरी सहीह हदीस में इस प्रकार आया है-

_मेरी ओर यह वह्य' की गई कि लोगो ! विनम्रता ग्रहण करो, एक-दूसरे पर घमंड न करो और न ही किसी पर अत्याचार करो !_  [सहीह मुस्लिम, 2865]

कुरआन में बहुत से अहंकारियों का वर्णन हुआ है, उनमें से एक फ़िरऔन भी है-

*_उसने और उसकी सेनाओं ने धरती में किसी हक़ के बिना घमंड किया और समझा कि उन्हें हमारी ओर पलटना न होगा, तो हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ा और उन्हें दरिया में फेंक दिया अब देख लो उन ज़ालिमों का कैसा परिणाम हुआ !_*

【सूरा-28, अल-कसस, आयतें-39, 40】

कुरआन में तीन महा अहंकारियों का वर्णन एक ही आयत में आया है और फिर उनका अंजाम भी बताया गया है-

*_क़ारून, फ़िरऔन और हामान को हमने विनष्ट किया ! मूसा उनके पास प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आया, परन्तु उन्होंने धरती में घमंड किया, यद्यपि वे बाज़ी ले जानेवाले न थे ! तो हर एक को हमने उसके अपने गुनाह के कारण पकड़ लिया ! फिर उनमें से कुछ पर तो हमने पथराव करनेवाली हवा भेजी और उनमें से कुछ को एक प्रचण्ड धमाके ने आ लिया और उनमें से कुछ को हमने धरती में धंसा दिया और उनमें से कुछ को डुबो दिया ! अल्लाह ऐसा न था कि उनपर जुल्म करता, परन्तु वे स्वयं अपने-आप पर जुल्म करते थे !_*  【सूरा-29, अल-अनकबूत, आयतें-39,40】
आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 236 (Quran wikipedia 384)

Ghamadi Aadami kaise khyalo ka hota hai?
Islam Ghamadi logo ke bare me kya kahta hai?
Quran Majeed Encyclopedia Part 384
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया

भाग-384         तारीख़:26/06/2020

    *★☆★☆ईमान यानी विश्वास-236★★☆★*

*_★घमंडी★_*

'घमंड' अरबी शब्द तकब्बुर' का हिन्दी अनुवाद है ! घमंड एक ऐसा रोग है कि यदि किसी मनुष्य को लग जाए तो वह सत्य और असत्य में अन्तर नहीं कर सकता ! इसी लिए अल्लाह ऐसे व्यक्ति को पसन्द नहीं करता जो घमंडी हो !  कुरआन में है -

*_अल्लाह को) ऐसे लोग प्रिय नहीं हैं जो अपने आपको बड़ा समझते हों (अर्थात घमंडी हों )_*  【सूरा-16, अन-नल, आयत-23】

इसके विरुद्ध उन लोगों की प्रशंसा की गई है जो घमंडी नहीं हैं। कुरआन में एक स्थान पर आया है-

*_तुम ईमानवालों की शत्रुता में सब लोगों से बढ़कर यहूदियों' और बहुदेववादियों को पाओगे, और ईमानवालों के लिए मित्रता में सब से निकट उन लोगों को पाओगे जिन्होंने कहा कि हम नसारा (ईसाई) हैं ! यह इस कारण कि उनमें बहुत-से धर्मज्ञाता और संसार त्यागी सन्त पाए जाते हैं, और इस कारण कि वे घमंड नहीं करते !_*  【सूरा-5, अल-माइदा, आयत-82】

अर्थात् जब इनको सत्य बात बताई जाती है, तो स्वीकार कर लेते हैं ! परन्तु इसका यह अभिप्राय नहीं कि यहूदियों में कोई सत्य स्वीकार करनेवाला नहीं था ! उनमें बहुत-से लोग ऐसे थे जिन्होंने सत्य को स्वीकार किया ! यहूदियों के एक विद्वान अब्दुल्लाह-बिन-सलाम थे, जिनकी प्रशंसा करते हुए पवित्र कुरआन में कहा गया है -

*_बनी-इसराईल में से एक गवाह ने ऐसी ही 'किताब' की गवाही भी दे दी ! और वह ईमान भी ले आया और तुम घमंड में पड़े रह गए !_*

【सूरा-46, अल-अहक़ाफ़, आयत-10】
आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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Iman yani Vishwas 229 (Quran wikipedia 377)

Islam Me Gulamo ke sath kaisa Suluk karne ko kaha gaya hai?
Agar koi Mushrik Jung me pakra jaye to uska kya karna chahiye?
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ईमान यानी विश्वास, Islma Me Gulamo Ke Sath Kaisa Saluq Karna Chahiye
Islam Aur Ghulami

*_❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-377     तारीख़:19/06/2020
  ★☆★☆ईमान यानी विश्वास-229★★
*_★गुलाम-3
अर्थात इस्लाम ने गुलाम आज़ाद करने के बहुत से रास्ते खोल दिये और गुलाम बनाने के सारे रास्ते बंद कर दिए है ! लेकिन सिर्फ एक ही रास्ता बाकी रखा और वह है युद्ध मे पकड़े गए सैनिक !
क्योकि
इनको गुलाम बना कर इनसे सेवा लेने के अतिरिक्त कोई और उचित मार्ग नहीं था ! फिर इस्लाम में उनको भी स्वतंत्र करने के असंख्य उपाय बताए हैं जिनमें से कुछ ये हैं -
*1.* मुस्लिम कैदी सैनिकों के बदले विधर्मी कैदी सैनिकों को स्वतंत्र करना !
*2.* फिदया (अर्थ दण्ड) लेकर स्वतंत्र करना !
*3.* अगर वे किसी प्रकार की शिक्षा दे सकते हों तो उसके बद्ले स्वतंत्र करना !
*4.* अगर शासक चाहे तो अपनी ओर से क्षमा कर दे !
*5.* अगर कोई स्वयं अपनी इच्छा से इस्लाम क़बूल कर ले तो उसे स्वतंत्र करना ! इसके पश्चात भी अगर कोई गुलाम बना लिया जाए तो उसके साथ उत्तम व्यवहार करने की ताकीद की गई है, जो इस प्रकार है-
*1.* गुलामों और लौंडियों का आपस में विवाह करा दिया जाए ! 【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-32】
*2. प्राचीन काल की तरह लौडियों को व्यभिचार पर मजबूर न किया जाए ! 【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-33】
*3.* अगर वे अपनी स्वतंत्रता के लिए लिखा-पढ़ी करना चाहें तो उनसे लिखा-पढ़ी की जाए !    【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-33】
*4.* लौंडी और उसके बच्चों में जुदाई न डाली जाए ! अगर किसी ने ऐसा किया तो क़ियामत के दिन अल्लाह उसके और उसके प्यारों में जुदाई डाल देगा ! एक हदीस में आता है कि अली रज़ि० ने दो गुलाम भाइयों में से एक को बेच दिया, नबी को पता चला तो आपने वापस करने का आदेश दिया ! क्योंकि इस तरह दो भाइयों में जुदाई हो गई थी !
*5.* एक और सहीह हदीस में आता है कि अगर कोई गुलाम खाना पकाए तो खाते समय उसको भी उस भोजन में शामिल कर लिया जाए, अगर भोजन बहुत कम है तो दो-चार लुक़मे ही उसे दिए जाएँ !
(देखिए सहीह बुखारी 2557)
इसी प्रकार के और भी बहुत सारे अधिकार हैं जो इस्लाम में गुलामों को दिए गए हैं जिनका कोई उदाहरण इतिहास में नहीं मिलता !
आगे.........
*​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​⁩┈┈┈┈•✶✾✶•┈┈┈​*
_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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