Nabi-E-Akram Sallahu Alaihe Wasallam Ka Muhajir Aur Ansar Ke Khajoor Ke Taqseem Ka Waqya.
कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-22 तारीख़:28/06/2019
अनसार-4
एक बार अनसार भाइयो ने नबी ﷺ से निवेदन किया कि आप हमारे खजूर के बाग हमारे और मुहाजिर भाइयो के बीच बांट दीजिये ! नबी ﷺ ने फरमाया-: नही, बल्कि तुम लोग ही बागों की देख-भाल करो, परंतु जो फल आए उसमे उनको सम्मिलित कर लो ! अनसार न कहा, हमने सुन लिया और आज्ञापालन किया !【देखिए,सही बुखारी,3782】
नबी ﷺ ने ऐसा इसलिए किया कि मुहाजिर भाइयो को खेती करनी नही आती थी ! इसलिए अगर मदीना के बाग बाँट करके उन्हें दे दिए जाते तो उपज कम हो जाती ! दूसरे यह कि मुहाजिर भाई व्यापार करना जानते ! नबी ﷺ ने पसंद फरमाया की मदीना भी मक्का की तरह व्यापार का केंद्र बने ! इसी प्रकार नबी ﷺ एक और हदीस फरमाया-: _अनसार से मोमिन (ईमानवाला) ही प्रेम करेगा ! और उनसे मुनाफिक (कपटा चारी) ही घृणा करेगा, तो जो उनसे प्यार करेगा अल्लाह उससे प्यार करेगा, और जो उनसे घृणा करेगा, अल्लाह उससे घृणा करेगा !_ 【बुखारी,3783 तथा मुस्लिम,75】
अनसार ने इस्लाम की सेवा और उसको संसार के कोने-कोने तक पहुचाने की जो चेस्टा की उसको बयान करना कठिन है ! इसलिए नबी ﷺ सदैव उनको प्रिय रखते थे ! जब मक्का विजय हो गया तो अनसार सोचने लगे कि अब कही नबी हमे छोड़कर मक्का वापस न चले जाएं ! परंतु आपने ऐसा नही किया, बल्कि जीवन की अंतिम सांस तक अनसार के साथ रहे और उन्ही के नगर मदीना में दफन हुए !
आगे.........
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !