find all Islamic posts in English Roman urdu and Hindi related to Quran,Namz,Hadith,Ramadan,Haz,Zakat,Tauhid,Iman,Shirk,daily hadith,Islamic fatwa on various topics,Ramzan ke masail,namaz ka sahi tareeqa

Malala Yusufzai ka Byan TRP aur Shohrat Hasil karne ke maksad se tha.

Yah Sab TRP aur sasti Popularity hasil karna maksad hai.

Malala Yusufzai Nobel prize se British Magzine ke cover photo tak.
Malala Yusufzai ka Islam aur Hamare Nabi ka Islam.

मलाला को इस्राएल का आतंक नज़र नही आता, उसे ग़ज़ा की औरते और बच्चे नज़र नही आते लेकिन तलीबान से दहशत की बू आने लगती है। उसे ब्रिटेन और अमेरिका के तरफ से इसलिए डॉलर व अवार्ड मिलते है ताकि इस्लाम के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाये औरतों के हुकुक के नाम पर।

मलाला के लिए यूरोप इतना मेहरबान क्यों? 

मेरा सब से पसंदीदा लीडर ओबामा है,रोल मॉडल गुस्ताख ए रसूल है। 

यह सब पब्लिसिटी और टीआरपी का मसला है
इन दिनों vogue नाम के एक ब्रिटिश फैशन मैगजीन में  नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का एक इंटरव्यू काफी चर्चे में है जिसपर लोग बड़े ही ईमानदारी से अपने राय का इजहार कर रहे है जबकि कुछ ऐसे भी लोग है जो बगैर इंटरव्यू सुने या फिर इनके बारे में कुछ जाने बगैर कमेंट कर रहे है।
आखिर इंटरव्यू में क्या बोला गया जिसकी वजह से लोग अनगिनत कमेंट करने लगे।

मलाला ने निकाह को लेकर एक ट्वीट भी किया

    *:I still* don't understand why  people have to gate married? If you want to have a person in your life, why do you have  to sign marriage papers, why can't it just be a partnership? "

ऊपर लिखे हुए अंग्रेजी के जुमले मलाला के ट्वीट किए हुए। उन्होंने निकाह ( शादी ) को लेकर अपनी बात कही के मुझे समझ में नहीं आता के लोग क्यू शादी करते है, अगर आप किसी शख्स के साथ जिंदगी जीना चाहते है तो शादी करने की क्या जरूरत, पार्टनरशिप के जैसे क्यू नही रह सकते?

मैंने समझा के मलाला का यह पार्टनरशिप वाला आइडिया जरा लॉजिकल होगा मगर पूरा इंटरव्यू देखने के बाद मालूम हुआ के इन्होंने कोई नई बात नही कह दी बल्कि वही घिसी पिटी बातें सस्ती लोकप्रियता के लिए थी।
हाल ही में मलाला ने एप्पल टीवी प्लस पर पैरोग्रामिंग के लिए मेजबान के तौर पर दस्तखत किया जिस में वह एंटरटेन ( मनोरंजन / तफरीह ) के लिए डॉक्यूमेंट्री फिल्में, कॉमेडी, शोज, एनीमेशन और बच्चो के ताल्लुक से कंटेंट पेश करेंगी। जिस का उसने इंटरव्यू के दौरान कई बार जिक्र भी किया था जिस से उनके इंटरव्यू का मकसद साफ तौर पर जाहिर होता है।
    
दूसरी बात यह के इंटरव्यू में खुद मलाला की बातो में विरोधाभास नजर आया जैसे सिरिन कील ( vogue की रिपोर्टर)
इंटरव्यू के दौरान मलाला का दुपट्टा उन के कंधो पर पड़ा था, और उनके बाल ऐसे खुले हुए थे जिसपर मलाला का जवाब था के वह सर पर दुपट्टा आमतौर पर घर से बाहर ही डालती है और घर पर, या दोस्तो के दरमियान बकौल उन के " ऐसे ही ठीक है " मलाला दुपट्टा और स्कार्फ को लेकर स्पष्ट रूप से कहती है के यह उन के लिए मजहबी से ज्यादा संस्कृति पहचान है।
उन के मुताबिक यह पश्तुनो के लिए सांस्कृतिक पहचान है और इससे यह पता चलता है के वह कहां से आई है?
खास बात यह है के इंटरव्यू के दौरान मलाला खुद को मुसलमान भी कहती है और इसी इंटरव्यू में इस्लामी शआर पर गैर इस्लामी तहजीब को तरजीह भी देती है जो समझ से बाहर है। इस से मालूम होता है के मलाला यूसुफजई "أدخلوا فی السلم کافة"  के तहत इसलाम में मुकम्मल तौर पर ढलने के बजाए इस्लाम को अपने हिसाब से ढाल रही है, ढाल बना रही है और जाने अंजाने में मगरिब के हाथो इस्तेमाल भी हो रही है क्युकी मगरिब ने उन्हें अब एक show piece के तौर पर बकाएदा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

  मलाला से सिर्फ दो गुजारिश
(1) बराए मेहरबानी वह दो कश्ती की सवारी छोर दें और लोगो को अंधेरे में न रखें क्योंकि मगरिब उसे अपने पर्दे पर उस इसलाम के नुमाइंदा के तौर पर पेश करता है जिसपर उसे इत्मीनान ही नहीं।

(2) अगर मुमकिन हो तो अपने शो में उन इसराइली हमले में 250 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की शहादत और हजारों कश्मीरियों के आसुओं का भी जिक्र करे।

सच तो यह है के सेलिब्रिटी दौलत और शोहरत के लिए कुछ भी कर सकते है, इसलिए मुसलमान बहन - भाईयो से गुजारिश है के बराये मेहरबानी ऐसे लोगो को अपना रॉल मॉडल हरगिज न बनाए जो वॉग जैसे फेहश मैगजीन के कवर पर छपने के लिए खुशी मनाए, जो अपने प्रोडक्शन के प्रमोशन के लिए अपना ईमान और अकीदे का सौदा करे, जो एलानिया तौर पर इस्लामिक नेजाम का मजाक उड़ाएं और उसके मुकाबले में मगरिबी तहजीब को बेहतर  बताए । वाजेह रहे है के कोई भी इंसान मुसलमान सिर्फ नाम रख लेने से नहीं हो जाता और सारे मोमिन मुसलमान हो सकता है लेकिन सभी मुसलमान मोमिन नही हो सकता। उर्दू अरबी नाम रख लेने से ही मुसलमान नही हो जाता।
मुसलमान वह है जो " दिल और जुबान से गवाही दे , अमल उसकी तस्दीक करे"। सिर्फ जुबान से बोल देने से, इस्लामी लिबास पहन कर दिखा देने से ही मुसलमान नही हो जाता ।
  खुफिया जानकारी जमा करने वाला जासूस कभी जुबान से यह नही बोलता है सामने वाले का जासूसी कर रहा हू या फिर मैं उसका दुश्मन हूं बल्कि वह लिबास और जुबान से उसी के जैसा दिखता और उसकी हमदर्दी हासिल करने के लिए उसके उम्मीदों के मुताबिक उसे खुश रखता हैं मगर हकीकत में वह उसका जासूसी कर रहा होता है।

  अल्लाह हमे जालिमों के जुल्म से, दुश्मनों के शर से और हासिदो के हसद से बचा, हमे सीरत ए मुस्तकीम पर चला। आमीन सुम्मा आमीन

Share:

No comments:

Post a Comment

Translate

youtube

Recent Posts

Labels

Blog Archive

Please share these articles for Sadqa E Jaria
Jazak Allah Shukran

Most Readable

POPULAR POSTS